वहाँ उपस्थित सभी घड़े हिलने लगे। राजा नें पूछा यह क्या यह कम्पन्न कैसा। स्त्री नें कहा की यह घड़े अपने राजा को रोक रहें है। Suspense story in hindi। Hindi kahani। Suspense kahani hindi।।Hindi Story।।Hindi kahaniya।।Suspense kahaniyaa।।
रहस्यमयी घड़े ( हिन्दी सस्पेंस कहानी )।।Suspense story in hindi।Hindi kahani। Suspense kahani hindi।।Hindi Story।।Hindi kahaniya।।Suspense kahaniyaa।।
राजा मधुरम अपने ज्ञान और न्यायप्रियता के लिए पूरे राज्य में प्रसिद्ध था। लेकिन हाल ही में उसके राज्य में एक विचित्र और भयावह घटना होने लगी। राज्य के युवा अचानक अदृश्य हो जाते और उनका कोई सुराग नहीं मिलता। इस घटना से राज्य की प्रजा में भय और चिंता फैल गई थी। लोग अपने बच्चों और परिवार के युवाओं को घर से बाहर भेजने से डरने लगे थे।
मामला गंभीर था, इसलिए राजा ने अपने दरबार में सभी मंत्रियों और विद्वानों को बुलाया। उन्होंने पूछा, “इस अदृश्यता के रहस्य का क्या कारण हो सकता है? और इसे रोकने के लिए हमें क्या करना चाहिए?”
एक मंत्री ने कहा, “महाराज, लोग कहते हैं कि यह किसी दैवीय शक्ति का क्रोध है। दूसरे मंत्री ने कहा, “मुझे लगता है, यह किसी तांत्रिक या जादुई शक्ति का काम है। नदी के किनारे एक रहस्यमयी स्त्री के बारे में सुना गया है। वह संभवतः इन सबके पीछे है। जो भी उसके पास जाता है, वह वापस नहीं लौटता।”
राजा मधुरम ने यह सुनते ही नदी के किनारे की घटना की सत्यता जानने का निर्णय लिया। उन्होंने अपने सबसे साहसी मंत्री को आदेश दिया कि वह उस स्त्री को बुलाकर लाए। लेकिन मंत्री ने सिर झुका लिया और कहा, “महाराज, क्षमा करें, परंतु मैं वहाँ जाने का साहस नहीं कर सकता। लोगों का कहना है कि वह स्त्री जादूगरनी है, और जो भी उसके पास जाता है, वह वहीं फंस जाता है।”
राजा ने महसूस किया कि भय पूरे दरबार में व्याप्त है। उसने निश्चय किया कि यदि उसके मंत्री और सिपाही नहीं जा सकते, तो वह स्वयं जाएगा। “यदि यह घटना मेरे राज्य के युवाओं को संकट में डाल रही है, तो राजा होने के नाते यह मेरा कर्तव्य है कि मैं इस रहस्य का समाधान करूँ,” राजा ने कहा।
अगले दिन, राजा अकेले नदी किनारे पहुँचा साधारण वस्त्रो में । वहाँ का वातावरण अजीब रूप से शांत था। नदी की लहरों में एक अजीब सी हलचल थी, । राजा ने आगे बढ़ते हुए एक सुंदर स्त्री को देखा। उसकी सुंदरता इतनी मोहक थी कि कोई भी उसकी ओर आकर्षित हो सकता था।
स्त्री ने राजा की ओर मुस्कुराते हुए देखा और कहा, “हे युवक तुम कौन हो, क्यों आए हो?” उसकी आवाज मधुर और आकर्षक थी, लेकिन उसमें एक रहस्यमय गूंज भी थी।
राजा ने खुद को संयमित रखते हुए कहा, “मैं राजा मधुरम हूँ। मेरे राज्य के युवा अदृश्य हो रहे हैं, और इसका कारण तुम्हें माना जा रहा है। मैं इस रहस्य को सुलझाने और अपने लोगों की रक्षा करने आया हूँ।”
स्त्री नें पहले प्रणाम किया और फिर हंसते हुए कहा, “ क्या आपको लगता है उनके पीछे में हूँ में एक स्त्री हूँ, किसी तरह से अपनी रक्षा करते हुऐ यहाँ रहती हूँ राजन, यह मिट्टी के घड़े बना कर किसी तरह अपना जीवन व्यापान कर रही हूँ
राजा मधुरम ने स्त्री की बात सुनकर उसकी आँखों में झांका। वहाँ कोई डर या झूठ का संकेत नहीं दिख रहा था। वहाँ पड़े घड़े इस बात का सबूत थे की वो सच बोल रही है।उसने गहरी सांस लेते हुए कहा, “यदि तुम निर्दोष हो, तो यह रहस्य और भी गहरा हो गया है। मेरे राज्य के युवाओं के अदृश्य होने का कारण यदि तुम नहीं हो, तो क्या तुमने यहाँ कुछ असामान्य देखा है?”
स्त्री ने कहा , मैंने कुछ रहस्यमयी तो यहाँ जरूर देखा है । यहाँ नदी के किनारे अजीबोगरीब रोशनी और कुछ आवाजें सुनाई देती हैं। जो भी यहाँ आता है, वह उन रोशनी की ओर खिंच जाता है और फिर कभी लौटकर नहीं आता। मैंने खुद को हमेशा दूर रखा है, इसलिए मुझे इन घटनाओं का पूरा सच नहीं पता।”
राजा मधुरम ने स्त्री की ओर देखा, उसकी सुंदरता और गरिमा ने राजा को प्रभावित किया। वह शांत और आत्मविश्वास से भरी हुई थी, लेकिन उसकी आँखों में एक अनकही कहानी थी। राजा ने नरम स्वर में कहा, “तुम्हारी सुंदरता और कुशलता देखकर मुझे अचरज होता है। तुम यहाँ अकेली और इस एकांत में क्या कर रही हो? क्या तुम्हारा विवाह नहीं हुआ? और यह स्थान, जो रहस्यमय है, तुम इसे कैसे सहन करती हो?”
स्त्री ने हल्की मुस्कान के साथ उत्तर दिया, “राजन, यह स्थान रहस्यमय है, लेकिन यह मेरा आश्रयस्थल है। विवाह के बारे में पूछ रहे हैं, तो कह सकती हूँ कि भाग्य ने मेरी झोली में अकेलापन ही डाला। मेरे माता-पिता का निधन बचपन में हो गया, और तब से मैं अपने लिए जीवन का अर्थ ढूंढ रही हूँ। विवाह के विषय में कैसे सोचु क्यूँ की लोगों में मेरे प्रति कई भांति है कोई जादूगरनी कहता है कोई क्या, आप भी तो ऐसा ही कुछ सोच कर आये थे।
राजा मधुरम उस स्त्री की बातों और उसकी सरलता पर मोहित हो गया। उसकी सुंदरता के साथ-साथ उसकी सहजता ने राजा का दिल जीत लिया। जब स्त्री ने राजा को भीतर चलने और जल तथा फल ग्रहण करने का प्रस्ताव दिया, तो राजा ने मुस्कुराते हुए कहा, “तुम्हारी मेहमाननवाजी स्वीकार है। यह कुटिया भले ही साधारण हो, लेकिन तुम्हारे जैसा आतिथ्य देने वाला हृदय इसे विशेष बनाता है।”
स्त्री ने राजा को भीतर बुलाया। कुटिया के अंदर की सजावट साधारण थी, परन्तु मिट्टी के घड़े बहुत थे,सुन्दर घड़े बहुत आकर्षक थे। राजा नें कहा की यह सारे घड़े आप हमें दीजिये हमें आपकी कला अच्छी लगी ।
स्त्री धीरे से मुस्कुराते हुये राजा के लिये जल लायी। राजा के ठीक सामने खड़े होकर उसने राजा की आँखों में देखा। उन आँखों में राजा खो गया स्त्री नें अपने हाथों से राजा को जल पिलाया। मन ही मन राजा अब स्त्री से विवाह करने का स्वप्न देखने लगा।
इतने में ही कुछ हुआ जिससे उसका यह स्वप्न टूटा, वहाँ उपस्थित सभी घड़े हिलने लगे। राजा नें पूछा यह क्या यह कम्पन्न कैसा। स्त्री नें कहा की यह घड़े अपने राजा को रोक रहें है
स्त्री सम्मोहन में राजा नें उस बात पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया। पूरा जल स्त्री नें राजा को पीला दिया। राजा नें फिर उस स्त्री नें कहा की हमें आपसे विवाह करना है।
स्त्री जोर से हसीं और कहा की आप कैसे हम से विवाह करंगे। आप तो यहाँ से हिल भी नहीं सकते महाराज
राजा का सम्मोहन एकाएक टूटा, राजा नें खुद को अब असहाय महसूस किया। वो हिल भी नहीं पा रहा था। राजा नें अब क्रोध में कहा तो तुम सच में कोई जादूगरनी हो छोड़ो हमें वरना तुम्हे मृत्यु मिलेगी।
स्त्री नें कहा अच्छा ठीक है पर पहले खुद को देख लीजिये। स्त्री अपने हाथ में एक दर्पण लाई और राजा को समक्ष लें गई। राजा नें दर्पण में खुद को देखा। राजा का अपना नहीं, घड़े का प्रतिबिम्ब दिखाई दिया।
देखो तुम्हे यह घड़े पसंद थे ना अब तुम स्वयं ही एक सुन्दर घड़े बन गये। राजा भी अब सभी पड़े घड़ो की भांति हिलने लगा। स्त्री ज़ोर से हॅसने लगी।
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यह कहानी पूरी तरह से काल्पनिक है। इसके पात्र घटनाये स्थान नाम भी काल्पनिक है। इसका किसी के भी जीवन से मेल खाना महज एक सयोंग होगा। कहानी का उद्देश्य केवल मनोरंजन करना है ना की किसी तरह की बातों का समर्थन करना है। कृपया इसे उसी तरह से लिया जाये। पाठक अपने विवेक का इस्तेमाल करें।