शादी के लिये बोला झूठ।। Heart touching story in hindi।। Emotional kahani ।। Emotional love story।। Hindi kahaniya।। hindi emotional story।।

रचित अब साइन भाषा में बताता है कीं वो बोल नहीं सकता। साक्षी को धक्का लगता है वो चुप हो जाती है औऱ रचित से दूर हो जाती है। Emotional love story।

शादी के लिये बोला झूठ।। Heart touching story in hindi।। Emotional kahani ।। Emotional love story।। Hindi kahaniya।। hindi emotional story।।



साक्षी का परिवार मिडिल क्लास है। परिवार में माँ पिता है। साक्षी के जीवन में तब जिम्मेदारियां बड़ जाती है। जब एक दिन अचानक उसके पिताजी को परेलिसिस आ जाता है।


साक्षी पर अब उसके छोटे भाई औऱ एक छोटी बहन के साथ, पिता के इलाज औऱ घर चलाने का बोझ आ गया है।



साक्षी ग्रेजुएट है वो अब नौकरी करके सारे घर कीं
जिम्मेदारी अच्छे से संभाल रही है। उसे अब अपनी फैमिली के अलावा कुछ नहीं दिखाई दे रहा है।




पिता औऱ माँ को साक्षी पर गर्व है। साक्षी ने इस दौरान कई अच्छे रिश्ते को मना कर दिया। इसमें से कुछ उनके रिश्तेदार ने बताये थे।




इसलिये रिश्तेदार अब साक्षी से थोड़ा जलने लगे. साक्षी को एक लड़का रचित कुछ दिनों से फॉलो कर रहा होता है।


लड़के को साक्षी अवॉइड करती है। लेकिन उस लड़के(रचित )का रिश्ता लेकर उसकी माँ उनके घर आ आती है।




वो लड़का अच्छी पैसे वाली फैमिली से था. साक्षी
को अब अपने माँ औऱ पिता का बहुत ज्यादा प्रेसर होता है. इस वजह से वो काफ़ी मनाने के बाद मान जाती है।




लेकिन वो एक शर्त रखती है कीं वो अपने घर को संभालेगी औऱ नौकरी नहीं छोड़ेगी लड़के कीं माँ यह मान जाती है।



शादी होती है, शादी के लिये वो खुश है। शादी के पहले वो लड़के से मिलकर बात करना चाहती है, लेकिन लड़के कीं
तरफ से कोई पहल नहीं होती तो वो भी कुछ नहीं करती।




जल्दी में शादी करवा दी जाती है। रचित शादी के दिन ही कई दिनों बाद उसे दिखाई दिया है बहुत नर्वस लग रहा है
वो जिससे पीछे पड़ा था शादी उसी से हो रही है।



लेकिन फिर भी उसके चेहरे पर खुशी नहीं है. साक्षी को
बात अजीब लगती है उसको अंदेशा हो जाता ही कीं कुछ
गड़बड़ है।




सुहागरात कींसेज़ पर वो बैठी है औऱ बाहर से कई मर्दो कीं आवाज आ रही है तभी वो बैठी-बैठी सोचती है कीं वो उन्हें आवाज़ से कैसे पहचानेगी।




क्यों कीं अभी तक उसने उनकी आवाज सुनी ही नहीं.
औऱ फिर रचित कमरे में आता है चेहरे का रंग पूरा उड़ा हुआ रहता है।




साक्षी एक नजर चुपके से उठा कर उसे देखती है, वो भी बिस्तर के एक कोने पर बैठ जाता है कई देर हो जाती है साक्षी को अजीब लगता है।




क्यों कीं रचित ना कुछ बोलता है औऱ ना ही उसके पास आता है। फिर साक्षी ही पहल करती है औऱ कहती है सुनिए आप इतने नर्वस मत होइए मुझे आप पसंद है।




रचित उसकी औऱ मुड़ता है. साक्षी उसको पूछती है क्या हुआ आप खुश तो है ना? रचित केवल गर्दन हिलाता है. साक्षी बोलती है।




मुझे आप से बहुत बातें करनी थी लेकिन आप नें पहल ही नहीं कीं चलिये अब करते है। रचित अभी भी चुप रहता है।




साक्षी फिर बोलती है आप कुछ बोल क्यू नहीं रहें। रचित कीं आँखों में अब आंसू आ जाते है साक्षी घबरा जाती है क्या हुआ मुझे बताइये तो।




रचित अब साइन भाषा में बताता है कीं वो बोल नहीं
सकता। साक्षी को धक्का लगता है वो चुप हो जाती है औऱ रचित से दूर हो जाती है।




पहली रात ही उसे पता चल जाता है कीं उसके परिवार वालो के साथ धोका हुआ है, क्यों कीं लड़के वालों नें इतनी बड़ी बात छिपायी।



उसे धोका बर्दाश्त नहीं होता है वो अपने घर वापस लौट आती है। उसके परिवार को भी इस बात का पता नहीं होता।




परिवार वाले भी यह सुनकर शॉक रह जाते है औऱ अपने
आप को कोसते है कीं उन्होंने जल्दी कर दी पहले पता लगवाना था।




साक्षी नें फैसला लिया कीं अब वो कोर्ट में बात लें जायेगी.
शादी के एक दिन बाद ही बात तलाक तक पहुंच जाती है।




साक्षी तलाक की अर्जी देती है.रचित कीं माँ साक्षी के घर आती है, साक्षी कीं माँ उन्हें भला बुरा कहती है साक्षी
उन्हें रोकती है वो पूछती है।




आपको जरुरी नहीं लगा इतनी बड़ी बात हमें बताना रचित कीं माँ निचे मुँह कर औऱ चुप रहकर सारी बात सुन रही है।




रचित कीं माँ कहती है कीं में माँ अपने बेटे का भला ही चाहती हूं औऱ उसके पिता भी नहीं है वो साक्षी को पसंद
करता है।




इसलिये वो साक्षी से शादी करना चाहता था. मैंने हिम्मत कीं बोलने कीं मगर मै कर नहीं पायी.फिर मुझे डर भी लगा।



क्यों कीं पहली बार उसने कुछ करने को कहां उसने तो मुझे बोला था कीं तुम्हे सब बता दू. औऱ में चाहती भी थी लेकिन नहीं कर पायी।




मैंने रचित को भी झूठ बोला कीं तुम मान गई लेकिन शादी
के पहलें उसे पता चल गया कीं मैंने उसको झूठ बोला है तब तक देर हो गई थी।




इसलिये वो खुश नहीं था साक्षी शायद तुम मुझे समझ
पाओ. साक्षी अभी भी गुस्से में है वो बोलती है कीं मुझे रचित के ना बोलने से कोई प्रॉब्लम नहीं है।




गुस्सा इस बात का है कीं आपनें धोका दिया झूठ बोला औऱ वो मुझे बर्दास्त नहीं. तलाक की अर्जी के बाद रिश्तेदार, तो साक्षी औऱ उसके परिवार की इस हालत पर खुश है।




वही तलाक में अभी कुछ महीने का समय है. साक्षी अब अपने घर पर पहले की जीवन शैली पर लौट आती है. वो जॉब पर जाती है औऱ कुछ दिनों बाद फिर रचित उसे दिखाई देता है।




दूर से ही बस अब वो साक्षी को देखता है साक्षी के ऑफिस के बाहर वो लगातार आता है 15 दिनों तक साक्षी उसे अवॉइड करती है।



फिर एक दिन उसके पास जा कर बोलती है अब यह सब करने से कुछ नहीं होगा औऱ में नहीं चाहती कीं तुम कुछ नाटक करो इसलिये यहाँ आना बंद कर दो समझें।




साक्षी कीं बातें वो सुन रहा है वो साक्षी को इशारो में काफ़ी पिने को कहता है लेकिन साक्षी वहाँ से चली जाती है।




अगले दिन फिर वही रचित खड़ा रहता है साक्षी उसके पास जाकर कहती है काफ़ी पी कर मेरा पीछा छोड़
दोगे रचित गर्दन हां में हिलाता है।


टेबल पर दोनों आमने सामने बैठ है रचित अपने फोन
में कुछ मैसेज टाइप करता है साक्षी उसको देख भी नहीं रही है।


साक्षी के फोन में मैसेज आता है रचित का लिखा होता है सॉरी but I realy love you so much कोई भी
बोलने वाला तुम्हे मुझ से ज्यादा प्यार नहीं कर सकता।




औऱ बात तो झूठी भी कोई सकता है लेकिन आंखे हमेशा सच बोलती है एक बार मेरी आँखों में देख लों फिर तुम्हे जो सही लगे वो करना।


साक्षी का सारा गुस्सा मैसेज पढ़ते ही चला गया वो धीरे से अपनी आंखे उठा कर रचित कीं आँखों में देखती है औऱ
उसकी आँखों से आँसू निकल आते है।




वही वो उसको बोलती है पहले ऐसी बात नहीं लिख
सकते थे मुझे आज तक कभी किसी नें ऐसे नहीं समझाया।




वो खड़ी होती औऱ रचित को बोलती है चलो मेरा समान वापस अब तुम ही उठा कर लें जाओगे. रचित उठ कर
साक्षी को हग करता है।


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