जब खुला राज पति का || Hindi kahani || Hindi Manorajak kahani || Bed time stories || kahaniyaan ||

शादी के पहले हम दोनों में करीब एक महीने तक बात हुई. लेकिन उन्होंने यह बात नहीं बताई. फिर मुझे उनके बिना बताये उनकी उस बात का पता चल गया|Hindi suspense kahani||


जब खुला राज पति का || Hindi kahani || Hindi Manorajak kahani || Bed time stories || kahaniyaan ||


मेरा नाम शिवानी है. घर कीं बड़ी बेटी. मैं औऱ मेरा छोटा भाई बस हम दो ही है.मम्मी  डैडी मेरे बहुत अच्छे है मुझे बहुत सपोर्ट किया. जितना चाहा मुझे पढ़ाया. मैंने बी एड किया है. हमेशा से मुझे टीचर ही बनना था. मुझे बच्चे अच्छे लगते है.


परिवार औऱ अपने सपने के बीच मुझे कभी प्यार में गिरने का समय ही नहीं मिला. मैं शुरू से ही अरेंज मैरिज चाहती थी. मम्मी पापा जो भी मेरे लिये लड़का देखेंगे वो अच्छा ही होगा. मुझे पता है वो मेरी हाँ जरूर पूछेंगे.


अब मम्मी पापा ने मेरी शादी कीं तैयारियां तेज़ कर दी है. एक लड़का इस रविवार मुझे देखने आने वाला है. लड़के कीं तस्वीर उसके पहले आ गई है. पापा पहले लड़के कीं खोज खबर अच्छे से निकलवा लेते है. फिर ही मुझे किसी कीं तस्वीर दिखाते है.


अब आज रविवार भी आ गया मुझे लगा, शायद वो भी रिजेक्ट हो गया होगा इसलिये अभी तक मुझे लड़का दिखाया नहीं गया. मैं सो कर उठी तो मम्मी मेरे कमरे में आयी. बोली बेटा लड़के वाले आने वाले है.तू तैयार हो जा. बहुत ही शॉर्ट नोटिस में मुझे तैयार होने को बोला


लड़के वाले आ गये. मैं अभी भी किचन में हूँ, नाश्ते औऱ चाय कीं प्लेट जमा रही हूं. बाहर से मुझे बात करने कीं आवाजे सुनाई दे रही है. कुछ ही मिनटों के बाद मम्मी कीं आवाज आयी. मैं बाहर ट्रे लेकर गई. ट्रे रख कर, मैंने सबसे पहले उसके मम्मी औऱ पापा को नमस्ते किया. फिर मैंने उसकी तरफ देखा.

सच बोलू तो लड़का बहुत स्मार्ट था. सिंपल शर्ट औऱ जीन्स में आया था. चेहरे पर एक मासूमियत थी. मैंने तो मन मैं हां कर दी थी. पर मेरी हां से क्या होता है. उसे भी मैं पसंद आना चाहिये. फिर घरवालों ने बोला कीं बेटा अकेले में कुछ बात करनी हो तो कर लों. उसने मना किया. पर फिर भी घरवालों ने हमें अकेले कमरे में भेज दिया.


चुप रहा वो मुझे लगा मैं उसे पसंद नहीं हूं, इसलिये बात नहीं कर रहा. फिर मैंने ही चुप्पी तोड़ दी पूछा आप क्या करते है. बोला मेरा नाम तो आपको पता होगा नहीं भी तो में बता देता हूँ मेरा नाम मयूर है. बिज़नेस है प्रॉपर्टी का अपने बारे में फिर बताने लगा. कुछ देर हमारी बात हुई, फिर बाहर से मम्मी कीं आवाज आ गई. बड़ो में बात हुई औऱ रिश्ता तय हो गया. उसके घरवाले जल्द ही शादी करना चाहते थे पिताजी ने अपनी खोज कर ली थी. इसलिये शादी एक महीना बाद ही तय हो गई.


इस दौरान मैंने मयूर का नंबर लेकर उससे बात करना चाही. मुझे लगा कीं वो थोड़े शर्मिंले है. इसलिये मैंने ही पहल कीं करीब एक महीने, हम मैं बहुत बात हुई औऱ प्यार वाली फीलिंग क्या होती है यह मुझे पता चल गया. फिर हमारी शादी का दिन आ गया औऱ मैं अंदर ही अंदर बहुत खुश थी. मम्मी पापा को छोड़ जानें का गम तो था.लेकिन मुझे लगा कीं मुझे सही जीवन साथी मिल गया है.


सुहागरात आ गई मैं थोड़ी घबराई हुई बैठी थी, बेड पर. वो आये औऱ मेरी तरफ देखा. मैंने भी हलकी सी स्माइल पास कीं. मयूर ने कुर्ता पहन रखा था. वो थोडे घबराये लग रहे थे. मुझे लगा जैसे मैं नर्वस हूं. शायद वो भी इसी तरफ होगे. मयूर अब बाथरूम गये औऱ कुर्ता चेंज करके आये. फिर मयूर आकर बोलें कीं बहुत थक गई होंगी शायद, आज आराम कर लों.


मुझे लगा वो भी थके है, इसलिये मैंने ज्यादा सवाल जवाब नहीं किये. अगली सुबह वो बाथरूम में फ्रेश होकर नहाकर, औऱ कपडे भी अंदर ही चेंज करके आये. मुझे थोड़ा अजीब लगा फिर मैंने सोचा शायद उनकी यह आदत होंगी. अगली रात फिर आयी औऱ मयूर ने फिर ऐसा ही किया, अभी तक वो मेरे पास भी नहीं आये थे अब मुझे लगा कीं मयूर कुछ छुपा रहें है क्यों कीं उसके चेहरे पर साफ दिखाई दे रहा है.


अगली रात जब वो बाथरूम से कपडे चेंज करके आये तो मैंने उन्हें टोक ही दिया. आप क्या छूपा रहें है. कुछ बात है तो आप मुझसे कह सकते है. वो बोलें बात तो है, जल्द ही तुम्हे पता चल ही जायेगी. पर तुम्हे शायद बुरा लगेगा. मैंने बोला आप नहीं बताएँगे तो ज्यादा बुरा लगेगा.


उन्होंने अपना शर्ट खोला औऱ फिर उसे कुछ कहना नहीं पड़ा मैं खुद ही समझ गई. उसके चेस्ट पर एक लड़की के नाम का टेटू था, रिया.अब मैं चुप हो गई औऱ चुपचाप बेड के एक साइड पर सो गई. वो मुझसे बात, करने कीं कोशिश करना चाह रहें थे लेकिन फिर वो भी बेड के दूसरी साइड पर सो गये.


अगले दिन मेरा मुँह उतरा हुआ था. मुझे इस बात का ज्यादा दुख था कीं उसने मुझसे यह बात छिपायी. हां हमें कम समय मिला लेकिन फिर भी इतना समय था कीं, वो मुझे बता सकते थे. अगली रात वो फिर कमरे में आये उसके आने के पहले ही मैं बेड के साइड पर सो चुकी थी. उन्होने मुझे मेरी बांह पर हाथ लगाया. औऱ बोला तुम चाहो तो हम बात कर सकते है.


मैंने बोला अब क्या बताओगे. वो बोलें कीं मैं उस लड़की से प्यार करता था. लेकिन रिया को हमेशा से विदेश में शिफ्ट होना था. इसलिये जब उसे मौका मिला तो वो चली गई. मैंने पूछा वो तुम्हे छोड़ कर किसी औऱ के साथ चली गई. वो बोलें हां. मैं चाहता तो यह टेटू को साफ करवा लेता. लेकिन मैंने सोचा पहले तुम्हे बताऊंगा. तुम्हारी बातों से मुझे लगा था कीं तुम समझोगी.


फिर वो चुप हो गये. मैंने बोला तुम मुझे शादी के पहले भी बता सकते थे. वो बोलें अगर मैं बताता तो क्या तुम शादी नहीं करती, औऱ अगर अब भी तुम जाना चाहो तो जा सकती हो. मैं वही करूँगा जो तुम्हे अच्छा लगे. उस रात मेरा गुस्सा पता नहीं कहां चला गया. लेकिन थोड़ा डर भी था, कहीं फिर से झूठ तो नहीं बोल रहें मासूम शक्ल बना कर.


मैंने कुछ जवाब नहीं दिया. लगभग 3 महीने तक हमारी बात नहीं हुई. मैं भी अपने पापा कीं तरह उनकी परीक्षा लें रही थी. फिर एक रात मैंने उससे पूछा उस लड़की से ज्यादा प्यार करोगे मुझे. वो बोलें वो तो उसी रात हो गया था,जब तुमने सच सुनंने के बाद मुझे माफ़ कर दिया था. मैंने बोला मैंने कब बोला कीं मैंने माफ़ कर दिया. वो बोले तो अब बोल दो.


उनकी मासूम शक्ल ने मुझे उसके गले लगने पर मजबूर कर ही दिया. मुझे सच मैं अच्छा पति मिला है. आखिर अच्छे लोगों के साथ अच्छा होता है. तभी इनको रिया नहीं मिली.


आपको यह कहानी कैसी लगी हमें Comment कर जरूर बताये. ऐसी ही अच्छी कहानियां आप यहाँ पढ़ सकते है. हमें अपना सपोर्ट देते रहिये.

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ

Ads