हमारे ग्रुप का एक नियम था. कीं हम सब दोस्त रहेंगे प्यार हमारे बीच नहीं आयेगा, लेकिन... दोस्ती औऱ इज़हार कीं कहानी| Love story in hindi| Hindi kahani|
दोस्ती औऱ प्यार| Love story | हिन्दी कहानी ||
में कोमल अभी में फ़ाइनल ईयर में हूं. मेरा एक ग्रुप है हम 3 लड़कियां और 4 लड़के है. फर्स्ट ईयर से अभी तक हम सब साथ है. हमारे ग्रुप कीं हेड में हूं अपनी तारीफ नहीं कर रही हूं लेकिन इस ग्रुप में सब मुझे ज्यादा मानते है
किसी को कुछ भी प्रॉब्लम होती है. तो में ही उनको सलूशन देती हूं और सारे नियम भी मैंने ही बनाये है और एक सबसे अहम नियम मैंने बनाया है कीं हम सब दोस्त रहेंगे प्यार हमारे बीच में नहीं आना चाहिए.नो बॉयफ्रेंड गर्लफ्रेंड only फ्रेंड क्यों कीं फ्रेंडशिप हमेशा रहती है प्यार बीच में आते ही जलन और अलग होकर बैठना शुरू हो जाता है और में नहीं चाहती थी कीं ऐसा हो
और देखो 4 साल हो गये है हमारी दोस्ती को मज़ाल है कोई मेरे नियम को तोड़ दे किसी को किसी से वैसा वाला प्यार नहीं हुआ और हम सब बहुत मस्ती करते है एन्जॉय करते है खुश रहते है. अब मेरा कल बर्थडे है और मुझे पता है कीं मेरे सारे दोस्त मुझे कुछ ना कुछ सरप्राइज जरूर देंगे. तो मुझे अभी करण के घर बुलाया है. करण हम सब में सबसे
पैसे वाले बाप का बेटा है पापा का अच्छा घर है और हमें मस्ती करने के लिये बड़ा रूम मिल जाता है. कल मुझे शाम 5 बजे बुलाया है देखते है कीं मेरे दोस्त मुझे क्या सरप्राइज देते है. में 5 बजे करण के घर पहुंची लेकिन मेरे सारे शैतान दोस्त पहले से ही वही थे बड़ा केक टेबल पर था रूम में अच्छा डेकोरेशन था मुझे बहुत स्पेशल फील कराया गया. सबने मुझे कॉम्पलिमेंट भी दिया कीं में बहुत अच्छी लग रही है
ब्लैक कलर का गाउन मैंने स्पेशल बर्थडे के लिये लिया था.फिर मैंने केक काटा और बारी बारी सबको खिलाया मैंने एक टुकड़ा काटा जैसे ही मैं केक करण के पास लें गई उसकी आँखे मुझे कुछ अलग लगी उसने मुझे सबके सामने लिप पर एक हल्का किस कर के i love you बोला
तालियों कीं आवाज रुक गई मेरे कुछ समझ नहीं आया उसने एक दम से यह किया तो मुझे गुस्सा आ गया और मैंने उसे ज़ोर से चाँटा मार दिया और वहाँ से चली गई. बर्थडे वाले दिन मुझे यह सरप्राइज मिलेगा मैंने सोचा नहीं था मुझे गुस्सा आ रहा था. लेकिन वो मेरा 4 साल पुराना दोस्त था कभी मुझे लगा नहीं कीं वो मुझसे प्यार करता है यां में शायद देख नहीं पायी
क्यों कीं मैंने नियम बनाये थे इसलिये में उसे नहीं तोड़ सकती थी इसलिये मैंने कभी उस तरह से सोचा नहीं. रात को मैंने सुधा को फोन लगाया और उसको पूछा कीं तुझे पता था कीं वो ऐसा कुछ करने वाला है सुधा बोली हां कब से वो तुझे लाइक करता है पर तेरे नियम कीं वजह से बेचारा अभी तक चुप था
पता नहीं आज उसमे कहां से हिम्मत आ गई. अगले दिन जब कॉलेज गई तब सब बदल गया मुझे पता था कीं जब भी ऐसा कुछ होता है फिर पहले जैसा नहीं होता. करण अब हमारे साथ में नहीं था और करण के चक्कर में विशाल और सुयश भी कटे कटे रहने लगे मैंने सोचा कीं करण से जाकर एक बार बात करू उसको समझाऊ.
मैंने करण को लाइब्रेरी में पकड़ा मुझे देख कर अब मुँह फेर रहा था मैंने बोला बाहर चल मुझे बात करनी है वो आया और मैंने उसको बोला क्या हरकत थी वो. करण बोला मुझे लगा कीं तू सॉरी बोलेगी. में बोली सॉरी तू बोल
करण - ओह हेलो तुने सबके सामने मुझे थप्पड़ मारा है. तो तुने क्या किया करण बोला मैंने जो किया वही सच है में प्यार करता हूं तुझे और प्यार कोई करने से नहीं होता हो जाता है तेरा नियम नहीं काम आता और हो गया तो उसमे क्या बुरा हो गया कौन बोलता है कीं दो लवर अच्छे दोस्त नहीं हो सकते हमने ही तेरी बात मान कर तुझे सर चढ़ा रखा है.
उसको इतने गुस्से और समझदारी कीं बात करते मैंने आज तक नहीं देखा. लेकिन अब में भी वैसे नहीं रह गई जब आपको पता चल जाता है कीं सामने वाला आपको लाइक करता है तो आप के सोचने का तरीका भी बदल जाता है अगर आपको वो पसंद नहीं है तोआप उससे बात बंद कर देते हो और अगर पसंद है तो आप भी उसको लाइक करने लगते हो और करण तो मेरा दोस्त है
अब मुझे लगा कीं में भी पिसलने लगी मैंने सुधा से बात करी उसने और मुझे उधर धक्का मारा मैंने बोला कीं में अपने नियम पर नहीं रह पा रही. उसने बोला पागल है तू तेरा नियम तू ही मानती है तब उस सुधा कीं बच्ची ने बताया कीं बाकि 2 सुधा और श्रुति पहले ही हमारे ग्रुप में विशाल और सुयश के साथ सेटिंग कर चुकी है
मतलब क्या गधी थी में कीं अपने आप को जीनियस मानती थी जीनियस तो साले यह सब है जिन्होंने मुझे पता नहीं चलने दिया लेकिन एक बात तो मुझे समझ आ गई कीं प्यार के बाद भी हमारी दोस्ती वैसी ही है. कोई लड़का जब आप से प्यार करता है तो आपको ऐसा लगता है आप स्पेशल हो खूबसूरत वैसा वाला मुझे भी लग रहा है
लेकिन अब उस गधे को बताऊ कैसे में तो उसको थप्पड़ मार आई. अभी तक उसको भी पता तो चल गया होगा कीं में मान गई लेकिन अभी भी भाव खा रहा है देख नहीं रहा थप्पड़ जो पड़ा है फिर मैंने मौका देकर उसको बोल दिया सॉरी उस दिन मुझे ऐसा नहीं करना था अब नहीं करुँगी कभी.
वो भी बोला सॉरी मुझे भी नहीं करना था में भी अब नहीं करूँगा कभी. मैंने बोला क्या वो पूछा क्यों फिर करू पागल थोड़ी हूं जो थप्पड़ खाऊ. मैंने बोला अब नहीं पड़ेगा प्रॉमिस. हॅसने लगा तो शुरू हुई मेरी भी लव स्टोरी.
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