शादी वाले दिन सौतेले पिता ने ऐसा क्यों किया||Hindi Suspence story||Emotional heart touching story|| Moral story|| Bed time stories||Hindi Kahaniya||

यह Hindi Suspence story एक लड़की कीं कहानी है जिसके सौतेले पिता उसकी शादी नहीं होने दे रहें थे. कहानी अंत तक जरूर पढ़े. 


शादी वाले दिन सौतेले पिता ने ऐसा क्यों किया||Hindi Suspence story||Emotional heart touching story|| Moral story|| Bed time stories||Hindi Kahaniya||


मेरा नाम कीर्ति है और आज में आपको अपनी कहानी सुनाने वाली हूं. मेरे पापा मुझसे बहुत प्यार करते थे

लेकिन जब में छोटी थी 8 साल कीं तभी वो एक एक्सीडेंट में चल बसें. मेरी माँ नें उसके बाद दूसरी शादी कर ली. सच बताऊ तो में नहीं चाहती थी कीं मेरी मम्मी ऐसा करें.

लेकिन उस समय अकेली औरत छोटी बच्ची इसलिये मेरी माँ नें शादी कीं. मुझे मेरे सौतेले पिता बिलकुल भी पसंद नहीं थे.

में उन्हें पापा भी नहीं कहती थी मम्मी नें कई बार कहां कीं यह तुम्हारे पिता है यही सच है.लेकिन मैंने नहीं माना मेरे पिता तो इस दुनियाँ में नहीं है.

यह तो सिर्फ मेरी माँ के पति थे वो भी दूसरे. उनसे मेरा एक छोटा भाई भी है. वो एजेंसी का काम करते थे और अक्सर टूर भी किया करते थे. 

मेरे सौतेले पिता जब भी मुझसे बात करते या पास आते में उनसे बात भी नहीं करती. आखिर ऐसा चलता रहा और मम्मी नें यह सब देखते हुऐ मुझे मौसी के यहाँ भेज दिया था पढ़ने.

मेरा ज्यादातर समय वही निकला करता था. पढ़ाई के बाद मुझे एक लड़के राहुल से प्यार हो गया था. राहुल नया नया ही हमारे शहर में आया था

और मौसी के घर के पास ही रहने भी आया था. करीब 6 महीने में ही में राहुल को प्यार करने लगी थी. मैंने सोच लिया था कीं शादी उसी से करुँगी वो उम्र में करीब मुझसे 5 साल बड़ा था.

लेकिन प्यार में यह सब कहां देखा जाता है.मैंने मेरी माँ को बता दिया कीं में राहुल से शादी करना चाहती हूं. मेरी माँ नें बोला ठीक है

राहुल को मिलने के लिये मेरे घर बुलाया. राहुल अनाथ था उसके माता पिता और रिश्तेदार नहीं थे इसलिये वो खुद मेरे घर हमारी शादी कीं बात करने गया.

मुझे बस मेरी माँ कीं हां चाहिये थी. पिता से मुझे कोई मतलब नहीं था लेकिन वो भी वही थे. जब राहुल आया था. माँ को लड़का पसंद आ गया.

में खुश थी राहुल चला गया. और मम्मी भी कुछ काम से बाहर गई. जब में घर में अकेली थी तब मेरे सौतेले पिता मेरे पास आये बोले तुम उस लड़के से शादी नहीं करोगी.

मैंने कहां आप से किसने पूछा चले जाईये यहाँ से. में वहाँ से जानें लगी तब उन्होंने मेरा हाथ पकड़ा और फिर कहां तुम शादी नहीं कर सकती इस बार उनकी आँखों में थोड़ा गुस्सा था.

मैंने कहां मेरा हाथ छोड़िये और मुझसे दूर रहिये. मैं अपने कमरे में गई और दरवाजा बंद कर लिया. जब माँ आयी तब मैंने कहां कीं तुम्हारा पति मेरे साथ बत्तमीज़ी कर रहा था.

माँ नें कहां चूप रहो कुछ भी उनके बारे में मत बोलो वो हमेशा तुम्हारा भला सोचते है. मेरी माँ के आँखों पर तो जैसे पट्टी बँधी थी.

माँ नें फिर रात में मुझसे बोला कीं यह लड़का राहुल सही है तू अच्छे से जान पहचान निकलवा ली ना. मुझे समझ आ गया था कीं उन्होंने इनके कान भर दिये.

मैंने कहां कीं खोट राहुल में नहीं है तुम्हारे पति में. वो मेरी शादी नहीं होने देना चाहते. पता नहीं उनके दिल में क्या है. लेकिन में राहुल से ही शादी करुँगी.

मेरा फैसला मेरी माँ अच्छे से जान चुकी थी. इसलिये हमारी शादी तय हो गई. शादी कीं तैयारियां होने लगी. में खुश थी.

इस दौरान मैंने उनकी आँखों में अजीब से बेचैनी देखी मुझे साफ दिखाई दे रहा था कीं वो नहीं चाहते कीं मेरी शादी हो.

आखिर कौन बाप ऐसा सोचेगा. लेकिन वो पिता नहीं थे. आखिर कार शादी का दिन आ गया. सुबह में अकेले में राहुल से छत पर बात कर रही थी.

जैसे ही मैंने फोन रखा मेरे मुँह पर किसी नें पीछे से रुमाल रखा और में बेहोश हो गई. जब मुझे होश आया तब में एक कमरे में एक बिस्तर से बंधी थी.

मेरा मुँह भी बंद था. मेरी शादी वाले दिन मुझे यहाँ कौन उठा कर लाया. थोड़ी देर बाद कमरे का दरवाजा खुला और सामने थे मेरे सौतेले पिता.

उन्होंने मेरे साथ यह किया था. पर आखिर वो मुझे यहाँ क्यों उठाकर लाये मुझे वो पसंद नहीं थे लेकिन वो इस हद गिरे है मुझे नहीं पता था.

ऐसा तो मैंने उनके बारे में नहीं सोचा था में यही सब सोच रही थी तब वो बोले में तुम्हारी शादी उस लड़के से नहीं होने दूंगा. 

वो खाना लेकर आये थे उन्होंने मेरा मुँह खोला मैंने कहां कीं क्या चाहते हो. तुम मेरी शादी से इतने परेशान क्यों हो. मुझे यहाँ बाँध कर रखा है.

यही है तुम्हारा असली चेहरा. मेरी आवाज तेज़ होती देख उन्होंने मेरा मुँह वापस बाँध दिया.

आज रात मेरी शादी थी और रात को में यहाँ इस कमरे में बंद हूं. मेरे आँखों से लगातार आंशू निकले जा रहें थे. में सोच रही थी कीं सारी गलती माँ कीं है

जो इस आदमी से शादी कर ली. रात को फिर वो कमरे में आये. इस बार कमरे में आते ही कहां कीं आज तुम्हारी शादी थी लेकिन में नहीं चाहता था

कीं तुम उस लड़के से शादी करो वो लड़का झूठा है फ्रॉड है तुम्हे धोका दे रहा है. वो पहले से शादी शुदा है. तुम मेरी बात नहीं मान रही थी

इसलिये में तुम्हे यहाँ इस तरह लाना पड़ा लेकिन तुम्हारे भले के लिये में कुछ भी करूँगा. में 3 साल पहले जब शहर के बाहर कुछ काम से गया था

तब मुझे यह लड़का होटल में एक लड़की के साथ दिखा था. मुझे इसलिये याद है क्यों कीं वो लड़की मेरे जानने वाले दोस्त को जानती थी

उस समय उसने उससे बात कीं थी तब भी वो चूप था और मुँह छिपा रहा था. जब तुम उसे घर लायी तब मुझे लगा यह वही है

इसलिये में तुम्हे मना कर रहा था. में जानता हूं तुम मुझे अपना बाप नहीं मानती लेकिन में तुम्हे हमेशा अपनी बेटी माना है. और में वही करूँगा

जिसमे तुम्हारी भलाई हो. फिर चाहे तुम मुझे कुछ भी समझो कुछ भी बोलो. उस लड़के कीं सच्चाई तुम्हे सुबह पता चल जायेगी.

और तब तक में तुम्हे यही रखुगा. और वहाँ से दरवाजा बंद करके चले गये. सुबह वो वापस आये साथ में माँ भी थी. माँ नें पहले आते ही मेरे हाथ और मुँह खोला.

मैंने मम्मी से कहां कीं देखो इस आदमी नें क्या किया. अभी तक मुझे उनकी बातो पर रद्दी भर भी विश्वास नहीं था..

लेकिन फिर दरवाजे से एक और औरत आयी उसके हाथ में एक छोटा बच्चा भी था. वो औरत बोली कीं यह सही बोल रहें है.

वो आदमी धोकेबाज है उसने मुझे भी धोका दिया. वो अनाथ नहीं है उसके घरवाले भी है. मेरे सामने वो खड़ी वो औरत उसका बच्चा मेरी माँ इन सब को देख कर मुझे भी अब यकीन होने लगा था.

मैंने उसी समय राहुल को फोन लगाया लेकिन उसका फोन ऑफ था शायद उसे भी पता चल गया था कीं उसकी सच्चाई सामने आ गई.

उसके खिलाफ अब जो भी कारवाही होंगी वो पुलिस करेंगी. मेरे पिता उसके बाद भी मुझसे बात नहीं कर रहें थे. वोऐसे ही रह रहें थे

जैसे पहले जैसे कुछ हुआ ही ना हो.5 दिन बाद ही उनका बर्थडे था. मैंने पहली बार केक बनाया और उन्हें सरप्राइज दिया. उन्हें बोला हैप्पी बर्थडे पापा.

मेरे ऐसा बोलते ही उनकी आँखों में आंसू आ गये. इतने सालो से दबा रखें थे शायद. बोले बेटा बस अब मुझे ज़िन्दगी से कोई शिकायत नहीं अब मुझे कुछ नहीं चाहिये

तुमने मुझे पापा कहां बस इतना ही में सुनना चाहता था. तब मुझे समझ आया कीं में कितनी कच्ची हूं इंसान पहचाने में.

घर में मेरे सामने मुझे इतना प्यार करने वाले पिता थे उनका मैंने कभी सम्मान नहीं किया. और बाहर उस राहुल कीं झूठी बातों में आ गई.

मेरे पिता नें ना सिर्फ मेरी लाइफ बचाई बल्कि मुझे यह भी बताया कीं में कितनी गलत थी.

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