यह Hindi Suspence story एक पति पत्नी कीं kahani है. एक अंजान लड़की उनके घर के बाहर रोज आती है. कौन है वो. Kahani अंत तक जरूर पढ़े. Emotional Heart touching story.
पति पत्नी और अंजान लड़की|| Hindi Suspence story|| Emotional heart touching story|| Moral story|| Hindi Kahaniyaa|| Bed time stories||
में अंजली हूं. मैंने और रवि नें 1 साल कीं डेटिंग के बाद शादी कीं है. शादी में हमारे कुछ खास दोस्त और पेरेंट्स ही आये थे.
रवि ऐसा ही चाहते थे. वो चाहते थे कीं शादी शॉर्ट और सिम्पल ही रहें. हम लोग यहाँ बड़े शहर में काम करते है. रवि के माता पिता गावं में ही रहते है.
रवि ज्यादा गाँव जाते नहीं. जब कभी मम्मी पापा को मिलना होता है तो वो हमें शहर में आकर ही मिल लेते है. हमने एक छोटा सा घर भी यहाँ अभी लें लिया है.
शादी के चलते मैंने अभी नौकरी छोड़ रखी है. हमारा घर रोड के साइड में ही. खिड़कियों से रोड दिखाई देती है. हमारे किचन कीं खिड़की से भी रोड दिखाई देती है.
रवि का ऑफिस का टाइम सुबह 9 बजे का है.सुबह में रवि के लिये खाना बनाती हूं. अभी कुछ दिन मुझे खिड़की के बाहर एक लड़की दिखाई देती है.
पता नहीं क्या देखती है. आज फिर मेरी नजर खिड़की के बाहर गई रोड के दूसरी तरफ वही लड़की ज्यादा उम्र कीं नहीं थी 26 कीं होंगी
हमारे घर कीं तरफ आज फिर से देख रही थी. पहले दिन मैंने सोचा कीं कोई होंगी. लेकिन वो 3 से 4 दिन से लगातार आती मुझे दिखाई दे रही है .
मेरे मन में सोचा कीं जाकर उससे बात करू शायद किसी ओर का घर समझ कर, हमारे घर कीं ओर देखती रहती होंगी. सुबह रवि सोये थे.
वो फिर वही दूर खड़ी दिखाई दी इस बार में बाहर गई उसने आते मुझे अपनी और देखा और घबरा गई. मैंने उसे पूछा क्यों आपको क्या परेशानी है
आप किसे ढूंढ रही है. वो घबराई हुई बोली रवि यही रहता है. मैंने बोला हां. आप कैसे जानती है.वो इतना सुनकर घबरा कर चली गई.
मैंने पीछे से उसे आवाज दी पर उसने सुना नहीं.में अपने घर में वापस आ गई मेरे आने पर रवि उठ गये थे. पूछा कहां गई थी.
मैंने बोला पता नहीं एक लड़की है वो हमारे घर कीं तरफ देखती रहती है. और मैंने जब जाकर उससे पूछा तो तुम्हारा नाम भी जानती है.
तुम किसी गोरी सी सुन्दर लड़की को जानते है. रवि यह सुनकर भड़क गये. बोले पागल हो क्या कोई कुछ भी बोलेगा और तुम मान लोगी क्या.
लेकिन यह सुनंने के बाद रवि के चहेरे का रंग जरूर उड़ गया था. मेरे भी दिमाग़ में कुछ कुछ चलने लगा. रवि जब शाम को आये तब मैंने इस विषय में कोई बात नहीं कीं.
अगले दिन में सुबह उठी तो रवि पहले से उठ गये थे. में किचन में गई तो किचन कीं खिड़की लगी हुई थी और बड़ी मुश्किल से खोलने पर खुलती थी.
में कोशिश कर रही थी लेकिन ऊपर वाली कुण्डी मुझसे नहीं खुली में हमेशा निचे कीं कुण्डी से खिड़की लगाती थी लेकिन आज खिड़की कीं ऊपर वाली कुण्डी भी लगी थी.
मैंने कैसे भी कुण्डी खोली और खिड़की खोली तो में देख कर हैरान रह गई रवि उस लड़की से वहाँ जाकर बात कर रहें थे
वो उस पर चिल्ला और गुस्सा हो रहें थे लड़की रो रही थी और रवि नें उसे ऊँगली दिखा कर जानें को कहां. यह सब देखकर मैंने खिड़की बंद कर दी,
ताकि रवि को लगे नहीं कीं मैंने उसे यह करते देखा है.रवि फिर घर में आ गये. मैंने ऐसे जताया जैसे कीं मैंने कुछ देखा ही नहीं है.
अब मुझे ना जानें कैसे कैसे ख्याल आने लगे. रवि मुझ से क्या छीपा रहा है. मेरे रवि से शादी करके कोई गलती तो नहीं. आखिर वो लड़की कौन है
और रवि उसपे इतना गुस्सा क्यों हो रहें थे. रवि के जानें के बाद मैंने रवि के सारे दोस्तों को जिन्हे में भी जानती थी उन्हें फोन किया.
लेकिन किसी को भी उस लड़की के बारे में नहीं पता था.मेरी समझ नहीं आ रहा था कीं क्या हो रहा है. रवि से पूछना चाहती थी
लेकिन मुझे पता था कीं वो झूठ ही बोलेगा. उसके बाद मैंने उस लड़की को घर के आस पास नहीं देखा.यह सब सोचते सोचते मेरी तबियत बिगड़ने लगी.
रवि मुझे बोलता था कीं क्या हुआ अपना ख्याल रखो डॉक्टर के पास जाओ लेकिन अब मुझे उसकी बाते बिलकुल अच्छी नहीं लग रही थी.
एक दिन जब मेरी हालत ज्यादा ख़राब हुई तो में ऑटो लेकर पास के बड़े अस्पताल गई. डॉक्टर से अपनी दवाई लेने के बाद में अस्पताल के पार्क में बैठी थी.
अस्पताल में मुझे वो लड़की फिर दिखाई दी. उसे देखती ही जैसे मेरी बीमारी पता नहीं कहां भाग गई में उसके पास तेजचल कर गई और उसका हाथ पकड़ लिया.
और उसे बोला तुने मेरी जिंदगी में उथल पुथल मचा दिया बोल उस दिन क्या बात कर रहा था रवि तुझसे. क्या रिश्ता है तेरा मेरे पति से.
फिर उसने मुझे जो बताया सुनकर मुझे लगा कीं मेरा पति ऐसा है. उसने इतनी बड़ी बात मुझसे छिपायी. शाम को रवि जब आये तब उस लड़की को अपने घर में देखकर चौक गये.
में भी उसके पास ही बैठी थी. रवि उसकी तरफ देखकर बोले कीं अच्छा तो तुने इसे सब बता दिया मना किया था दूर रहने को मेरी फैमिली से.
मैंने बोला रवि शर्म करो तुम इतने कठोर हो अपनी सगी बहन कीं मदद नहीं कर रहें हो.वो लड़की संध्या थी रवि कीं सगी बहन.
उसने अपने पसंद के लड़के से शादी कर ली थी इसलिये रवि और उसके परिवार नें उससे सारे रिश्ते तोड़ दिये थे. रवि नें कहां कीं मेरी कोई बहन नहीं है.
मैंने कहां इसका पति अस्पताल में है इसे रुपयों कीं जरुरत है. बहन नहीं तो इंसानियत के नाते ही तुम्हे इसकी मदद करना थी.
और अपनी पसंद कीं लड़की से शादी तो तुमने भी कीं फिर जो नियम इसके लिये है तुम्हारे लिये क्यों नहीं है. मुझे पता होता तुम ऐसी सोच वाले हो तो में तुमसे कभी शादी नहीं करती.
जिसको बहन के आंसू नहीं पिघला सके उस आदमी के सीने में दिल नहीं हो सकता. इतना कहकर मैंने अंदर से अपने सारे गहने लिये और संध्या के साथ जानें लगी.
हमें जाते देख रवि फूट फूट कर रोने लगे. संध्या भी उन्हें देख रोने लगी. रोते हुऐ रवि बोले हम नें इसे बहुत प्यार दिया पापा नें मम्मी नें मैंने रानी बना कर रखा.
और यह ऐसे ही एक दिन बिना बताये घर से चली गई. हमारा प्यार तुने नहीं देखा. इसके लिये में रात भर रोया कीं कहां होंगी कैसी होंगी मेरी बहन.
तब इसे भाई और पापा कीं याद नहीं आई. अरे मुझे से कहती तो तुझे क्या करना है. ऐसी ही चली गई थी ना अब क्यों आई है.
बहन भी बोली भैया मुझे लगा आप लोग नहीं मानेंगे. उन दोनों भाई बहन को रोते देख मेरी आँखे भी भर आयी. पर आंसू के साथ जैसे सारे गीले शिकवे ख़त्म हो गये.
वो खुद अस्पताल गये संध्या के साथ. मम्मी पापा को भी बुलाया. दोनों नें बेटी को बड़े प्यार से गले लगा लिया. अब अस्पताल में संध्या के पति कीं हालत बहुत अच्छी है.
डॉक्टर नें कहां कीं जल्दी डिस्चार्ज हो जायेंगे.रवि कीं आँखों में मुझे एक अलग सुकून अब देखने मिल रहा है. रवि नें संध्या को कहां है
अब कुछ करेंगी तो माफ़ नहीं करूँगा. हमेशा मेरी प्यारी बहन के रहना जो भी हो मुझे बताना. जिंदगी बहुत छोटी है. आपके अहंकार में इतना सुकून नहीं है.
जितना कीं माफ़ कर देने में है. एक बार करके देखिये ज़िन्दगी बदल जायेगी.
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