ऑफिस में एक लड़की के प्रमोशन के बाद दिया को क्या क्या सुनना पड़ा. यह कहानी Hindi moral story है. इस Motivational story से आप प्रेरित होंगे. Life lessons भी आपको सिखाएगी. Kahaniyan बहुत कुछ सिखाती है. Kahani अंत तक जरूर सुने.
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लोग कहते है कीं, इंसान को सबसे दोस्ती रखना चाहिये किसी को अपना दुश्मन नहीं बनाना चाहिये. दुश्मनी किसी से कीं नहीं जाती, कभी कभी लोग आप से जल कर भी आपके दुश्मन बन जाते है.
ऐसा ही मेरे साथ हुआ लोग बेवजह ही मेरे दुश्मन बन गये.मेरा नाम दिया है और में 21 साल कीं हूं मैंने एक नया ऑफिस ज्वाइन किया. मेरे बॉस 35 के है और शादी शुदा है.
उनकी एडवरटाइजिंग कीं बड़ी कंपनी है. यह ऑफिस नया है और मेरे अलावा और भी 70 -80 लोगों का स्टॉफ है. मेरी इंग्लिश पर कमांड अच्छी है. इस कारण मुझे प्रेजेंटेशन और बाकि काम में कोई प्रॉब्लम नहीं होती थी.
बॉस का खुद कीं प्राइवेट केबिन था. उन्होंने ही मेरा इंटरव्यू भी लिया था. ऑफिस में मुझे मेरा रोल बताया गया. बॉस हमारे बहुत अच्छे थे काम करने वालों कीं कद्र करते थे.
कुछ ही दिनों में वो मेरे काम से प्रभावित हुये और मुझे नयी नयी जिम्मेदारियां देने लगे. मैंने भी उन्हें चुनौतीयों के रूप में लेते हुऐ अच्छे से निभाया.
जैसा कीं मैंने पहले ही कहां था कीं अगर आप अपना काम अच्छे से करो तब भी लोग आपके दुश्मन बन जाते है. लोग जलनें लगते है.
अगर वो आपकी बराबरी नहीं कर सकते तो फिर आपकी बुराई करके आपको परेशान करने कीं कोशिश करते है.मेरे ही नहीं हर किसी के साथ ऐसा होता है.
हर ऑफिस में आपको ऐसे लोग मिल जायेंगे. ऑफिस जब मैंने ज्वाइन किया था तभी सैलरी को लेकर बात हुई थी.
तब बॉस नें कहां था कीं अगर आपका काम अच्छा लगा तो 6 महीने बाद आपकी सैलरी बढा दी जायेगी.बॉस मेरे काम से प्रभावित हुऐ और जैसा कीं बात हुई थी मेरी सैलरी को बढ़ा दिया गया.
अब यह बात हमारे ऑफिस के अकाउंटेंट से होते हुऐ, ऑफिस के सारे स्टॉफ तक पहुंच गई थी. ऑफिस में पहले ही कई लोगों को खटक रही थी
मेरे आने से उनकी इमेज पर फर्क पड़ा था. लेकिन इसमें मेरा क्या कसूर था में बस अपना काम कर रही थी. बॉस के साथ मैंने कई प्रेजेंटेशन बनाये थे.
इस कारण मुझे बॉस के ऑफिस में ही ज्यादा देर तक काम करना पड़ता था. मेरी सैलरी बढ़ते ही कई लोग जो अपना काम तो ठीक से कर नहीं पाते.
उन्होंने मेरी काबलियत और मुझे निचा दिखाने के लिये बुरा कहना शुरू कर दिया. वो ऐसे लोग है जिनके घर में उनकी बहन और बेटी होती है लेकिन फिर भी दूसरों पर कीचड उछालते है.
मेरा नाम मेरे बॉस के साथ जोड़ा जानें लगा और सैलरी बढ़ना भी उसी से जोड़ दिया गया. झूठी और इस तरह कीं बातों में सभी को रस आता है.
यह बात ऑफिस कीं मेरी दोस्त नें मुझे बताई.मैंने तो उस समय मुझे यह अहसास हुआ कीं अपनी कमी छुपाने के लिये लोग किसी हद तक भी जा सकते है.
आगे से जब भी में बॉस के कैबिन से बाहर आती तो बाहर लोगों के चेहरे पर हसीं मुझे सब बयान कर जाती. धीरे धीरे वो लोग सफल होने लगे. मुझे यह बाते प्रभावित करने लगी.
और इसका असर मेरे काम पर पडने लगा. मेरे बॉस को भी मेरे चेहरे और बातो से पता चल गया था कीं मेरे साथ सब नार्मल नहीं है.
मैंने सोचा कीं मुझे यह ऑफिस छोड़ देने चाहिये और इन लोगों का चहेरा भी में अब ना देखूँ. करीब 20 दिनों के बाद मैंने अपना ऑफिस छोड़ने का फैसला किया.
मैंने अपना रिजाइन लेटर टाइप किया और बॉस के कैबिन में चली गई. बॉस को मैंने रिजाइन लेटर दिया और कहां कीं सर में जॉब छोड़ रही हूं.
बॉस को जैसे शॉक लगा. उन्होंने पूछा क्यों क्या हुआ और कहीं जॉब मिल गई है. मैंने कहां नहीं अभी घर में कुछ दिन रहूंगी.
बॉस को यह सुनकर अजीब लगा उन्होंने कहां में पिछले कुछ दिनों से देख रहा हूं कीं तुम्हारा काम पर असर हुआ है क्या हुआ तुम मुझे बता सकती हो.
मैंने बोला कुछ नहीं सर. बॉस थोड़ी देर चुप रहें फिर उठकर मेरे पास आये और कहां कीं देखो अगर तुम्हारी पर्सनल लाइफ में भी कुछ प्रॉब्लम है तो तुम मुझे बता सकती हो अगर तुम चाहे तो.
तुम अभी छोटी हो लाइफ में बहुत बाते है जो किसी को बताने पर सॉल्व हो जाती है. वो बोले बॉस नहीं तो अपना बड़ा भाई समझ कर मुझे बता दो.
उन्होंने जब यह कहां तो मेरी आँखों से आंसू आ गये. मैंने उनको ऑफिस में चलने वाली बातो के बारे में बताया. सारी बाते सुनकर उन्होंने कहां.
तो तुम भागना चाहती हो वो भी झूठ कीं वजह से. बॉस नें कहां कीं कौन है मुझे अभी बताओ हमारे ऑफिस में किसी भी तरह का हरास स्वीकार नहीं किया जाता है. मुझे बताओ.
मैंने कहां ऐसे मुझे किसी नें डायरेक्ट नहीं कहां. उन्होंने कहां कीं जाओ लेकिन में इतना ग्यारंटी से कह सकता हूं कीं जहाँ भी तुम जॉब करोगी वहाँ भी ऐसे लोग होंगे.
ऐसे लोग हर जगह मिलेंगे ऐसा ही होता है पहले लोग तुम्हारी बराबरी करने कीं कोशिश करते है फिर जब वो नहीं कर पाते तो वो बुराई करते है.
फिर भी अगर तुम्हे फर्क नहीं पड़े और तुम अपना काम करती रहो तो वो हार कर चुप हो जाते है. तुम्हे अभी भी नौकरी छोड़ना है तो तुम जा सकती हो लेकिन जब तक तुम कमजोर और भागोगी लोग तुम्हे भगाते रहेंगे.
उनकी बातो से मुझ में एक नयी शक्ति आयी और मैंने अपना फैसला बदल दिया. में अभी भी उसी ऑफिस में हूं लेकिन कई को छोड़ के जाना पड़ा.
उस दिन के बाद बॉस सख्त हो गये थे. आखिर इस तरह कीं बकवास नें हर भले इंसान को फर्क पड़ेगा तो शायद यह उनका तरीका था का सबको चुप और सबक सिखाने का.
इन सब बातो से मैंने बहुत कुछ मैंने सीखा कीं बुरे लोग है तो मेरे बॉस जैसे भले लोग भी है आप अच्छे है तो आपका साथ देने भगवान किसी ना को भेजता ही है.