मेरी भाभी के सुन्दर होने से में जलने लगी||Hindi moral story ||Emotional heart touching story||Hindi kahaniya||Parivarik kahaniyan||

यह कहानी ( kahani) एक पारिवारिक कहानी (Parivarik kahani)है. भाभी और ननद कीं यह कहानी अंत तक जरूर पढ़े. इस तरह कीं कहानियां ( Kahaniyaa) आप यहाँ पढ़ सकते है.

मेरी भाभी के सुन्दर होने से में जलने लगी||Hindi Moral story||Emotional heart touching story||Hindi kahaniya||Parivarik kahani

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मेरा नाम प्रिया है. में बहुत खुश थी कीं मेरी शादी रवि से होने वाली है. शादी घरवालों कीं मर्जी से ही तय हुई है.

मेरी भैया कीं शादी अभी 1 साल पहले ही हुई है.मेरी भाभी का नाम रचना है. मेरी भाभी बहुत सुंदर है. साथ ही बहुत हॅसमुख है.

हँसना और बातें करना उन्हें पसंद है. जब से भाभी घर आयी है घर में एक अलग ही माहौल रहता है. मेरी भाभी से मेरी अच्छी बनती है.

लेकिन एक बात कीं वजह से मुझे नहीं पता था कीं मेरी सोच इतना बदल जायेगी. एक दिन रवि जब घर आया था तब में भाभी और रवि साथ में एक कमरे में थे.

हम लोग बैठे ऐसी ही बातें कर रहें थे. जैसा कीं मैने पहले ही बताया कीं मेरी भाभी बहुत बातें और मज़ाक करती है. ऐसे ही बातों बातों में उन्होंने रवि से कह दिया कीं आपने भी क्या देख कर इसे पसंद कर लिया.

आपका दिमाक तो सही है अभी भी मौका है. आप बच सकते हो शादी अभी हुई नहीं है. इतना भी होता तो शायद में बर्दाश्त कर लेती लेकिन उसके बाद जो रवि नें कहा उससे मुझे ज्यादा बुरा लगा

रवि नें कहा कीं क्या करू भाभी आपकी जैसी सुन्दर तो मुझे शायद मिलेगी नहीं. तो अब जो मिली है उसी से कर लेता हूं.

बात मजाक में ही हो रही थी लेकिन मुझे वो बात दिल पर लग गई. उस समय मैंने भी बात हसीं में टाल दी. लेकिन मुझे अब वो बात सोने नहीं दे रही थी.

में पता नहीं क्या क्या सोचने लगी थी. में अपने आप को भाभी के साथ कंपयर करने लगी थी. मुझे उनसे और उनकी सुंदर होने से जलन होने लगी थी.

एक छोटी सी बात मेरे अंदर यह बदलाव ला सकती है मैंने सोचा नहीं था.में उस बात का जवाब देना चाहती थी. में कुछ भी सोचने लगी थी

में सोच रही थी कीं कैसे उन्हें भी में रुलाऊ. शादी कीं तैयारियो के साथ मेरा दिमाक भी कहीं और ही चलने लगा.

एक दिन भाभी शॉपिंग करने मम्मी के साथ बाहर गई थी घर में भैया थे. मैंने सोचा था कीं भैया को कुछ ऐसा कहूं जिस से इन दोनों के बीच में झगड़ा हो.

थोड़ी कहां सुनी हो. भाभी थोड़ी परेशान हो. उस समय में बस इतना चाहती थी. लेकिन मुझे नहीं पता था कीं मेरी उस बात से उन दोनों कीं ज़िन्दगी में जहर घुल जायेगा.

भैया भाभी को फोन लगा कर पूछ रहें है. कीं कब तक आओगी भाभी नें कहां बस ही आ ही रहें है. भैया बोले कीं पहले भी यही बोला था अभी भी यह कब तक आओगी.

मैंने उस बात को पकड़ लिया और भईया के फोन रखने के बाद मैंने कहां कीं खूबसूरत लड़कियों कीं बात का कोई भरोसा नहीं होता भैया पता नहीं क्या क्या छुपाती है

क्या झूठ बोलती है. आखिर वो भाई तो मेरे ही थे. उन्होंने भी मेरी इस बात को पकड़ लिया. पूछा क्यों क्या बात कर रही है. तुझे कुछ पता चला क्या.

मैंने जानबूझ कर ऐसा दिखाया कीं में कुछ जानती हूं और उनसे छिपा रही हूं. मैंने कहां नहीं कुछ नहीं. में तो बस ऐसी ही बोल रही थी.

भैया नें फिर पूछा तो मैंने और ज्यादा उन्हें परेशान किया मुझे पता था कीं वो जितना परेशान होंगे उतना ही भाभी भी होगी.

मैंने उन्हें ऐसे ही कहां कीं भैया में क्या बताऊ आप खुद समझदार है. वो बोले क्या मतलब क्या बोलना चाहती है ठीक से बता. में अब क्या कहती लेकिन.

अच्छा हुआ कीं उसी समय भाभी और मम्मी वहाँ आ गये और बात टल गई. लेकिन मुझे बहुत ख़ुशी हो रही थी. कीं मैंने अपना काम कर दिया.

भैया उनके आते ही अपने कमरे में चले गये. बस मुझे अब भाभी का वैसा चहेरा देखना था जो में देखना चाहती थी.

भाभी करीब 1 घंटे बाद जब कमरे से निकली तो उनका चेहरा बयान कर रहा था कीं मैंने जो बोला है उसका असर हो रहा है.

भैया का भी मुँह उतरा हुआ था. उस दिन से भाभी का बोलना और हंसना कम हो गया. भाभी का मुँह उतरा रहता था.

में पता नहीं कैसे इतनी कठोर हो गई थी कीं उनके आँसू से मुझे ख़ुशी मिल रही थी. भैया और भाभी में सबकुछ ठीक नहीं है

इस बात का पता अब हमारे घर में सबको चल गया था. भाभी अब मुझसे भी बात नहीं कर रही थी. लेकिन मुझे बुरा नहीं लग रहा था.

एक दिन भैया भाभी से किसी बात पर बिगड गये और सबके सामने उन्हें घर से जानें को कहने लगे. मम्मी और पापा नें कहां कीं क्या हुआ क्या बात कर रहा है.

ऐसा क्या हुआ लेकिन वो बोले कुछ नहीं. भाभी को वो बात बहुत बुरी लगी और वो घर से जानें लगी मम्मी नें कहां कीं शादी सर पर है ऐसे कहां जा रही हो.

भैया बोले उसे जाना है तो जानें दो. भाभी मेरी तरफ देख रही थी. लेकिन मुझे ना बुरा लग रहा था.ना मैंने उन्हें रोका. भाभी अपने घर चली गई.

शादी में सिर्फ 10 दिन बाकि थे और भाभी घर से चली गई. घर में मम्मी भैया और पापा को देखकर अब मुझे थोड़ा बुरा लगने लगा था.

पर में अब कुछ नहीं कर सकती थी क्यों कीं बात बहुत आगे निकल गई थी. सच बताऊ तो बात इस हद तक चली जायेगी इसका मुझे भी अंदाजा नहीं था.

शादी के समय सभी के मुँह उतरे हुऐ थे और इसका कारण में थी लेकिन यह बात में कैसे बता सकती थी. भाभी को मम्मी नें फोन किये लेकिन वो नहीं आयी.

घर का माहौल ही बदल गया. भैया से सभी पूछ रहें थे कीं ऐसा क्या हुआ लेकिन वो भी कुछ बता नहीं रहें थे. घर कीं रौनक ही चली गई थी.

शादी को 1 दिन बचा था और भाभी अचानक ही वापस आ गई. भाभी को देखकर मम्मी खुश थी. में अभी भी भाभी से बात नहीं कर रही थी सोच रही थी कीं

किस मुँह से बात करू. मेरी वजह से भाभी इतना परेशान जो हुई. भाभी खुद ही मेरे पास आयी मैंने बोला आप आ गई वो बोली हां मैंने सोचा कीं अगर में नहीं आती तो तुम्हे तैयार कौन करता.

भाभी नें ऐसा कहां तो में रोने लगी. भाभी नें कहां कीं मुझे तुम्हारे भैया कीं बातों का इतना बुरा नहीं लगा.ठेस तो मुझे तुमने पहुंचाई.

में घर से भी तुम्हारी वजह से गई थी मैंने सोचा था कीं तुम मुझे फोन करके बुलाओगी लेकिन तुमने ऐसा नहीं किया मुझे नहीं पता तुमने ऐसा क्यों किया.

लेकिन में तुम्हे एक बात समझाना चाहती हूं. अब तुम्हारी शादी होने वाली है. तुम दूसरे घर जाओगी कुछ ऐसा मत करना जिससे बाद में तुम्हे पछतावा हो.

मैंने भाभी को कहां कीं में भैया को बता देती हूं कीं वो मज़ाक था. भाभी बोली तुम उसकी चिंता मत करो उन्हें अगर अपनी पत्नी पर विश्वास नहीं तो यह उनकी गलती है तुम्हारी नहीं.

में उनसे निपट लुंगी. शादी का समय है तुम खुश रहो. भाभी के आते ही घर में रौनक आ गई. इस गलती नें मुझे बहुत कुछ सिखाया.

मेरे अंदर कीं जलन और इर्षा को ख़तम कर दिया. मेरे अंदर एक डर पैदा कर दिया कीं में कहीं गलती से भी किसी के साथ कुछ गलत ना कर दू.

भाभी मेरी जैसी नहीं है मुझे पता है वो भैया को भी संभाल लेंगी. मैंने भाभी के साथ इतना कुछ किया लेकिन उन्होंने अपना फर्ज़ नहीं भुला ना ही यह बताया कीं यह सब मेरी गलती है.ऐसी भाभी सभी को मिलें.

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