मेरी पत्नी ने मुझसे अलग होने के लिये कहा इतना बड़ा झूठ||Emotional story||Love Story|| Heart touching story|| Hindi Kahaniyaa||

यह Hindi kahani एक लव स्टोरी( Love story ) है साथ ही Suspence story है इसमें पत्नी अपने पति से अलग होना चाहती है. कहानी को अंत तक जरूर पढ़े. इसी तरह कीं Kahaniya आप यहाँ पढ़ सकते है.
मेरी पत्नी ने मुझसे अलग होने के लिये कहा इतना बड़ा झूठ||Emotional story||Love Story|| Heart touching story|| Hindi Kahaniyaa||

मेरा नाम रमेश है. में अपनेआप को बहुत खुशकिश्मत मानता हूं कीं. मेरी शादी रचना से हुई है. रचना और मेरी शादी घरवालों कीं मर्जी से हुई है.

रचना बहुत सुन्दर है. शुरुवात में मुझे लगा था कीं वो मुझसे शादी को हाँ नहीं कहेंगी. लेकिन जब में उसे देखने गया तब उसके स्वभाव का पता चला.

बहुत अच्छा उनका परिवार था. रचना जब शादी करके मेरी ज़िन्दगी में आई तब से मेरी ज़िन्दगी बदल गई है. सभी मुझे कहते थे कीं में बहुत खुश किस्मत हूँ.

अभी मेरी शादी को करीब 3 महीने ही हुऐ है.मेरा सपना था कीं में बड़े शहर में एक बड़ा शोरूम बनवाऊ कपडे का. मैंने रचना को इसके बारे में बताया.

रचना को पता है कीं यह मेरे लिये कितना बड़ा सपना में दिन रात इसी में लगा रहता हूँ. बड़ी मुश्किल से मुझे एक जगह मिली लेकिन पैसे बहुत ज्यादा थे.

इसलिये मैंने अपने गाँव कीं जमीन बेचनें का फैसला किया था. जमीन में मेरे पिता के दूसरे भाइयों का भी हिस्सा था. इसी काम के लिये मुझे कुछ दिनों तक गाँव में जाना पढ़ रहा था.

मैंने रचना को चलने को कहां क्यों कीं पता नहीं कितना समय लग सकता है. लेकिन उसने कहां कीं वो अपने मायके चली जायेगी. मैंने भी सोचा कीं ठीक है.

रचना अपने मायके चली गई. में अपने गाँव चला गया. रचना से में फोन पर बात किया करता था. जमीन के कागज और सारी बातो में समय लग रहा था.

इस दौरान मेरी पत्नी से मेरी बात होती रहती थी. मैंने एक शाम उसे फोन किया तो वो कुछ बदली बदली थी ज्यादा बोल नहीं रही थी मैंने पूछा क्या हुआ तुम ठीक हो.

वो बोली कीं मुझे आप को कुछ बात बतानी है. मैंने कहां कीं बताओ क्या बोलना चाहती हो. वो थोड़ी देर चूप रही और फिर बोली कीं नहीं अभी नहीं में आप को मिल कर ही बताउंगी.

मैंने भी कहां कीं ठीक है. लेकिन मुझे नहीं पता था कीं मेरी ज़िन्दगी में इतनी बड़ी बात होने वाली है.

अगले दिन दोपहर में मैंने जब रचना को फोन किया तो उसने फोन नहीं उठाया मैंने भी सोचा कीं कुछ काम होगा इसलिये मैंने उस बात पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया.

यह भी पढ़े 


मेरी पत्नी ने मुझसे अलग होने के लिये कहा इतना बड़ा झूठ||Emotional story||Love Story|| Heart touching story|| Hindi Kahaniyaa||

में सारा दिन अपने काम में उलझा रहा. काम भी जरुरी था क्यों कीं वो ख़त्म करके ही में जल्दी से रचना के पास वापस जा सकता था.

दिन भर के काम के बाद मैंने फिर शाम को रचना को फोन किया. लेकिन इस बार उसका फोन स्विच ऑफ आ रहा था.

मैंने फिर सोचा कीं शायद किसी काम से गई होगी और मोबाइल स्विच ऑफ हो गया होगा. मैंने रात फिर किया क्यों कीं दिन भर बात हो ना हो लेकिन रात में जरूर बात किया करते थे.

लेकिन रात में भी उसका फोन स्विच ऑफ था. अब मुझे थोड़ी फ़िक्र हुई लेकिन फिर मैंने सोचा कीं वो उसके घर ही है अगर कुछ बात होती तो मुझे फोन आ ही जाता

थोड़ा बहुत विचार करके में सो गया. मैंने सोचा कीं उसके घर में किसी को फोन करू लेकिन रात में उस समय फोन करना मैंने उचित नहीं समझा इसलिये में सो गया.

सुबह उठते ही मुझे यही ख्याल आ रहा था कीं में रचना से बात करू. सुबह भी मैंने फोन किया लेकिन अभी भी वही बात उसका फोन स्विच ऑफ ही था.

अब मैंने उसकी मम्मी को फोन किया. लेकिन उन्होंने भी मेरा फोन नहीं उठाया. अब मुझे थोड़ी फ़िक्र होने लगी थी कीं क्यों कीं किसी से भी मेरी बात नहीं हो रही थी.

करीब 3 दिन तक ना रचना का फोन आया ना उसकी माँ का में अपने काम में लगा रहा. फिर एक शाम मेरी सांस का फोन आया. मैंने पूछा कीं रचना कहां है.

वो बोली रचना अपनी एक चचेरी बहन कीं शादी में गई है. शायद वहाँ नेटवर्क नहीं होगा इसलिये बात नहीं हो पा रही है.

में भूल गया था रचना नें मुझे बताया था कीं वो वहाँ जानें वाली है. मेरी चिंता थोड़ी काम हो गई. और में वापस अपने काम में लग गया.

रचना वहाँ 5 दिन रुकने वाली थी. इसलिये मैने सोचा कीं शायद 5 दिनों तक मेरी रचना से कोई बात नहीं हो पायेगी. मेरा काम भी लगभग ख़त्म हो गया था.

मेरे हाथ में पैसे 2 से 4दिन में आने वाले ही थे. जैसे ही मेरे हाथ में पैसे आये में वहाँ से निकल गया. वहाँ से निकलने के बाद में सीधा अपने पत्नी के घर ही गया.

उसे लेने के लिये. जैसे ही में वहाँ पहुँचा. मुझे देखकर मेरी सांस खुश होने के बजाय डरी हुई दिखाई दी. में थोड़ी देर वहाँ बैठा. उनसे पूछा कीं रचना कहां है.

वो बोली कीं वो अभी आयी नहीं है. मैंने बोला कीं आयी नहीं है. अभी तक उसका फोन भी नहीं लग रहा. मैंने कहां कीं आप मुझे वहाँ किसी का नम्बर दे दो कितने दिन से रचना से बात हुई नहीं है.

वो कुछ देर सोचती रही फिर बोली कीं अभी मेरे पास नहीं है में आपको किसी से पूछ कर देती हूँ. करीब 8 दिन हो गये थे मुझे रचना से बात किये.

मुझे रचना पर भी गुस्सा आ रहा था कीं उसका फोन स्विच ऑफ क्यों है. साथ उसका फोन काम नहीं कर रहा तो वो किसी के भी फोन से बात कर सकती लेकिन उसने मुझसे बात नहीं कीं.

मैंने सोचा था कीं जब वो आयेगी तो उसे जरूर डाटूंगा. मेरी सांस का फोन नहीं आया. करीब 12 दिन हो गये में उनके घर वापस गया. लेकिन अब वो भी घर पर नहीं थी. ना ही मेरा फोन उठा रही थी.

अब मेरे मन में बहुत सारे विचार आने लगे कीं आखिर बात क्या है जो रचना और उसके घरवाले मुझसे इस तरह का बर्ताव कर रहें है.मैंने उन्हें मैसेज किया कीं अब में पुलिस के पास जाऊंगा.

मेरी इस धमकी से शायद वो डर गई और उनका फोन आया. बोली कीं बेटा में तुम्हे कुछ बताना चाहती हूँ. तुम घर आ आ जाओ. अब मेरी चिंता बढ़ती जा रही थी.

ऐसी क्या बात है जो यह सब मुझसे छिपा रहें है.मेरी पत्नी नें मुझसे 20 दिनों से बात नहीं कीं थी. में अगले दिन उनके घर गया मेरी सांस का मुँह उतरा हुआ था.

में बहुत गुस्से में था. मैंने जाते ही उन्हें जोर से चिल्लाते हुऐ पूछा कीं कहां है रचना मेरी सांस मुझसे बोली कीं बेटा अब में जो तुम्हे बताने वाली हूँ उस पर तुम्हे विश्वास नहीं होगा लेकिन यह ही सही है.

वो बोली कीं रचना किसी के साथ भाग गई है. मुझे मेरे कानो पर विश्वास नहीं हुआ कीं मैंने क्या सुना. मैंने बोला आप कुछ भी बोलोगे और में मान जाऊंगा.

वो बोली बेटा यही सच है. तुम्हारी शादी के पहले उसका एक प्रेम प्रसंग था जब वो वहाँ गाँव में अपनी बहन कीं शादी में गई तो उसे वो वहाँ मिल गया और वो मौका देख कर वहाँ से भाग गई.

में जानती हूँ कीं तुम उससे बहुत प्यार करते हो लेकिन अब यही सच है तुम्हे उसे भूलना होगा. हम लोग पुलिस के पास नहीं गये नहीं तो बदनामी होगी.

इसलिये हम इस बात को तुम से छिपा रहें थे. रचना मेरे साथ 3 महीने तक रही थी जितना में उसे जानता था वो ऐसा नहीं कर सकती थी.

लेकिन उसकी माँ यह कह रही थी तो में कैसे ना मानता. मेरा मन अभी भी मानने को तैयार नहीं था. मेरी सांस मेरे आगे रो रही थी माफ़ी मांग रही थी.

इतनी बड़ी बात मेरे घरवालों को पता चली तो उन्हें भी विश्वास नहीं हुआ. रचना स्वभाव से बिलकुल ऐसी नहीं लग रही थी. रचना कीं माँ को देखकर में और मेरे घरवाले चूप रह गये हमने कुछ बड़ा कदम नहीं उठाया.

में अपने साथ हुऐ इस धोके को बर्दाश्त नहीं कर पाया. मैंने रचना को बहुत प्यार किया और मुझे कुछ भी हासिल नहीं हुआ.

रचना नाम से मुझे नफरत हो गई. मेरी ज़िन्दगी पर इसका बहुत असर हुआ. में जो शोरूम कीं शुरुवात करने वाला उसके लिये मेरे पास अब सबकुछ आ गया था.

लेकिन फिर भी मुझे अब कुछ करने का मन नहीं हो रहा था. किसी के साथ इतना बड़ा धोका हुआ तो कैसे खुश रह सकता है.

मेरे घरवाले मुझे संभाल रहें थे. मैंने उसे बहुत ढूढ़ने कीं कोशिश की, में चाहता था कीं वो मुझे मिलें तो में उससे पूछूं कीं आखिर उसने मेरे साथ ऐसा क्यों किया.

धीरे धीरे समय बीतता गया उसे गये अब 7 महीने हो गये थे और में भी उसे भूल कर अपनी ज़िन्दगी में वापस बिजी होने की कोशिश करने लगा.

मेरा उसके घर यहाँ से जाना हुआ. ऐसे ही मेरा ध्यान उनके घर कीं खिड़की पर पड़ा. मुझे दिखाई दिया कीं खिड़की में रचना है.

एक झलक सी मुझे दिखी मैंने उसी समय उनके घर का दरवाजा बजाया. मेरी सांस ने दरवाजा खोला और वो मुझे देखकर ही डर गई. दरवाजा खुलते ही में अंदर जानें लगा मेरी सांस ने मुझे रोका.

लेकिन में नहीं माना. अंदर में कमरे में गया तो रचना को देखकर में हैरान रह गया. रचना व्हील चेयर पर बैठी थी. रचना ने मुझे देखा और उसकी आँखों से आंसू आ गये. मैंने पूछा यह क्या हुआ.

रचना बस रो रही थी. मेरी सांस बोली कीं बेटा रचना जब शादी में गई थी तब उसका एक्सीडेंट हो गया था और उसे ऐसी जगह चोट आयी जिसके कारण अब वो चल नहीं सकती है.

एक्सीडेंट के समय भी बेहोशी में यह कह रही थी तुम्हे ना बताये वो बड़े काम के लिये गये है.

डॉक्टर ने जब बताया कीं हो सकता है रचना अब चल ना सके और इलाज पर बहुत ज्यादा पैसा लगेगा तब भी मैंने कहां कीं दामाद जी को बता देते है

लेकिन रचना ने कहां कीं में उनकी ज़िन्दगी ख़राब नहीं कर सकती. उनका सपना है शोरूम खोलने का है उनकी ज़िन्दगी में जाऊंगी तो उन पर बोझ ही बनुँगी

इसलिये रचना ने यह झूठ तुम्हे कहने को कहां ताकि तुम उसे भला बुरा कह कर उसे भूल जाओ उस से नफरत करो.

मेरी पत्नी मुझसे इतना प्यार कहती थी मैंने उससे कहां कीं रचना अगर मेरे साथ ऐसा कुछ हो जाता तो क्या तुम मुझे छोड़ देती.

रचना ने रोते हुऐ कहां कीं ऐसा मत बोलो. रचना ने कहां कीं में आपकी दोषी हूँ. एक्सीडेंट में हमारा बच्चा जो मेरे गर्भ में था वो भी नहीं बचा.

आप मुझे भूल जाये दूसरी शादी कर लीजिये. में आप पर बोझ नहीं बनकर रहना चाहती. रचना कीं आँखों से आँसू नहीं रुक रहें थे कितने दिनों उसने इन्हे रोक रखा होगा.

मैंने रचना को बीते कुछ महीनों में ना जानें क्या कुछ नही कहां लेकिन अब वो रचना को एक पल भी अपने से दूर नहीं रखना चाहता था.

मैंने रचना कीं एक बात नहीं सुनी में रचना को अपने साथ लें आया. अब कोशिश यही है कीं वो फिर से चल सके. मैंने मेरा शोरूम बेच दिया और अच्छे से अच्छे अस्पताल में रचना को दिखाया है.

उम्मीद कीं किरण दिखाई दे रही है.बस में यही चाहता हूँ कीं वो फिर से अपने पैरो पर खड़ी हो जाये.

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ

Ads