मेरे पति 18 साल कीं लड़की घर लें आये और..| Hindi kahani | Suspence story| Moral story in hindi|कहानियाँ||

कहानी कीं इस सीरीज में हम आपके लिये है. कहानी जिसमे थोड़ा सस्पेंस और एक मेसेज है. यहएक suspence story के साथ moral story भी है. कहानी अंत तक जरूर पढ़े.

मेरे पति एक 18 साल कीं लड़की घर लें आये और.|
में रचना हूं  अभी अभी शादी के बाद में और मेरे पति सूरज एक बड़े शहर में आए गये है. हम दो ही लोग है. एक बड़ा फ्लैट है. मेरे पति कीं अच्छी जॉब है.

में कभी कभी यह सोचती हूं कीं मुझे बहुत अच्छा पति मिला है. शहर में आये अभी हमें कुछ दिन ही हुऐ है. तभी मेरे पति एक 18 साल कीं लड़की को एक दिन घर लें आये

कहां कीं गरीब है इसे काम को जरुरत है. मैंने कहां ऐसा क्या काम है हम दोनों के बीच में अकेली कर सकती हूं. लेकिन उन्होंने बोला यह यही रहेगी और कुछ काम करेंगी.

मैंने बोला ठीक है किसी अजनबी जवान लड़की को इस तरह अपने घर में रखना मुझे कुछ समझ नहीं आया. वो भी तब जब में मना कर रही हूं.

रात मैंने सोचा कीं उनसे पूछूं कीं आखिर यह लड़की कौन है. लेकिन रात जब में कमरे में गई तब वो अपने लैपटॉप पर मीटिंग में बिजी थेजैसे ही मैंने दरवाजा मुझे हाथ से इशारा कर के चुप रहने को कहते है.

में बिस्तर के एक साइड पर सो गई. सुबह करीब 7 बजे मेरी नींद खुली. तब मैंने देखा पतिदेव बिस्तर पर नहीं है.मैंने बाथरूम देखा वो वहाँ भी नहीं थे.

दरवाजा के पास जाकर जब मैंने किचन में देखा तो मेरे पति हाथ में पैसे लिये उस लड़की को दे रहें थे और वो लड़की रो रही थी. वो उसे चुप भी करा रहें थे. पैसे देकर वो मुझसे मिलें बैगर बाहर मैन डोर से निकल गये.

मुझे अब कुछ समझ नहीं आया कीं बात क्या. थोड़ी घबराहट भी हुई अजीब अजीब ख्याल मन में आने लगे. साथ ही यह भी ख्याल आया कीं जो में सोच रही हूं ऐसा कुछ भी नहीं हो.

में बैडरूम से बाहर आयी वो लड़की नें मुझे देख कर अपने आंसू पोछ लिये. मुझे देखते ही वो बोली मैडम साहब बोले कीं वो आज वो शहर के बाहर जा रहें है. मीटिंग के लिये

कल शाम तक आयेंगे आप सो रही थी इसलिये आपको उठाया नहीं मुझे कहां कीं आप को बता दे.मुझे उससे बात करने का बिलकुल भी मन नहीं था.

इसलिये मैंने उसकी तरफदेखा भी नहीं. बस अब में अपने बैडरूम में बैठी कुछ कुछ सोचने लगी. शादी को अभी एक महीना ही हुआ है. और में उनके बारे में ना जानें क्या क्या सोचने लगी.

लेकिन उन्होंने मुझे सोचने का कारण भी दिया है एक तो यह लड़की वो अचानक लें आये मेरे मना करने के बाद भी उन्होंने इसे यहाँ काम पर रखा और आज वो उसे रूपये भी दे रहें थे.

मैंने सोचा कीं एक बार फोन पर उनसे बात करके देखती हूं. मैंने उन्हें फोन लगाया पर उनका फोन स्विच ऑफ बता रहा था. यह पहली बार था जब ऐसा हुआ कीं उनका फोन बंद है. अब मेरा सर और भी चकरा गया.

इतने में वो लड़की रूम में चाय लेकर आती है. बोली मैडम चाय. मैंने भी उसको पूछा तुम्हारा नाम क्या है. बोली राखी. उसके पास फोन भी था और अब वो वाइब्रेट हो रहा था. फोन को रिसीव करने वो दौड़ कर मेरे बेडरूम से बाहर गई.

मुझे दूर से अब यही सुनाई दे रहा था कीं उसने कहां कीं में आती हूं. फिर बात करके वो फिर मेरे बैडरूम में आकर कहती है मैडम में 2 घंटे में आती हूं.

मुझे कुछ काम आए गया. इतना बोल कर वो मेरी हां सुनें बगैर ही चली गई.में कुछ बोल ही नहीं पायी लेकिन फिर 2 मिनट मेरे मन में आया कीं क्यों ना उसका पीछा करू.

और मैंने 1 सेकंड में कपडे चेंज किये और उसके पीछे हो गई. वो मुझे मेरी बिल्डिंग के निचे दिखाई दी. उसके बाद उसने एक रिक्शा लिया मैंने भी रिक्शा लेकर उसका पीछा किया. रिक्शा एक पतली सी गली में रुका.

वो वहाँ से उतर कर पैदल चलने लगी. बहुत सारे छोटे छोटे घर से होते हुऐ वो एक घर के आगे पहुंची में लगातार उसका पीछा कर रही थी क्यों कर रही थी क्या जानना चाहती थी इसका मुझे कुछ पता नहीं था

बस में उसके पीछे थी. दरवाजा खुला और खुलते ही वो लिपट गई उसकी माँ से जोर से माँ और बेटी दोनों रोने लगी. दरवाजा बंद करना भी भूल गये मुझे लगा कीं अब मुझे सामने जाकर बात करनी होंगी कीं परेशानी क्या है. में उसके सामने गई.

मुझे देख कर लड़की बोली मैडम आप यहाँ पर. मैंने कहां तुम्हारे साहब बोल गये थे कीं तुम्हारा ध्यान रखना. उसकी रोती हुई माँ बोली कीं ऐसा इंसान बहुत कम मिलते है.

मैंने पूछा क्या परेशानी है आप मुझे बताये. माँ बोली कीं इसके पिता साहब ऑफिस में सिक्योरिटी में नोकरी करते थे अचानक हर्ट अटैक से उनका देहांत हो गया.

इसका एक भाई है लेकिन उसे पिने और जुए कीं लत है, वो मेरे पास एक पैसा नहीं टिकने देता था.में अपनी परेशानी लेकर साहब के पास गई और उन्होंने पैसो से हमारी मदद कीं.

साथ ही उन्हें जब मैंने बताया कीं इसका भाई ऐसा है तो उन्होंने कहां कीं इसका यहाँ रहना सही नहीं है. इसलिये वो इसे अपने घर को लें गये. मैं इनकी बाते सुन ही रही थी कीं उनका फोन आया.

मैंने फोन रिसीव किया सूरज बोले कीं उनका फोन रात में मीटिंग कीं वजह से चार नहीं था इसका कारण बंद आए रहा था. मुझे पूछा कीं कहां हो तो मैंने बोला कीं में उनके घर आयी हूं. सूरज बोला हां में रात में तुम्हे बताने वाला था पर मीटिंग कीं वजह से लेट हो गया और तुम सो गई.

 मुझे उस समय जो सही लगा वो मैंने किया. इसलिये में उसे तुम्हारे पास लें आया. मैंने कहां बिलकुल ठीक किया आपने. लड़की को लेकर फिर में अपने फ्लैट चली गई अब में उसे और अपने पति दोनों को ज्यादा प्यार करने लगी.

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