Teenage love story :-मासूम प्यार कीं 2 कहानियाँ. Beautiful love story of Teen age @storiyaantv
Kahaniyaan सभी को अच्छी लगती है. खासकर अगर वो Love story हो तो. तो आप यह पढ़ सकते है 2 लव स्टोरी.2 प्यार कीं कहानी. यहाँ लिखी story आपको अपने teenage कीं याद दिला देंगी. पहला प्यार सभी को याद भी रहता है क्यों कीं वो Pure love होता है. लेकिन उस प्यार में कभी कभी बहुत दर्द भी मिलता है. तो पढ़िए औऱ याद कीजिये अपने प्यार को
लव स्टोरी (love story)
Sad love story (सेड लव स्टोरी)
पतंग. कहानी मासूम प्यार कीं
सूरज एक छोटे से गाँव मे रहता है. गाँव मे शहरों जैसा माहौल नहीं होता. यहाँ हर कोई एक दूसरे को अच्छी तरह से जानता और पहचानता है.
सूरज अभी 19 साल का हुआ है. और यही वो उम्र होती जब कुछ अहसास आपके अंदर आने लगते है. सूरज एक गरीब परिवार से है. माँ और पिता जी दोनों काम करते है, ताकि सूरज और उसकी छोटी बहन कीं अच्छी से पढ़ाई लिखाई हो सके.
सूरज के घर के पीछे एक बरांडा है,जैसे कीं गाँव मे घर होते है थोड़े खुले हुऐ. सूरज अक्सर गर्मियों मे छत पर सोया करता है. और आज भी सूरज छत पर सोया है.
लेकिन कुछ शोर कीं वजह से उसकी आँख खुल जाती है. उठकर वो निचे देखता है,और यह पहली बार था,जब उसने देखा है नेहा को. हल्के निले रंग कीं सलवार सूट पहने वो अपनी मम्मी के साथ, सामने वाले शर्मा जी यहाँ आयी है.
वो शर्मा जी कीं भांजी है. उसकी मम्मी ऑटो वाले के पैसो को लेकर बहस कर रही है. सुबह गर्मियों का सूरज है तेज, नेहा बेग लिये खड़ी है. उसकी आँखों पर सूरज कीं रोशनी आ रही है. यह देख कर सूरज, असली सूरज और नेहा के बीच मे आ जाता है.
अचानक से नेहा पर रोशनी पड़ना बंद हो जाती है और इसलिये उसका ध्यान जाता है,सूरज कीं ओर. यह पहली बार था जब सूरज ओर नेहा ने एक दूसरे को देखा, अब उम्र समझो या ओर कुछ लेकिन दोनों को पहली नजर मे एक दूसरे से प्यार हो गया.
फिर सूरज अक्सर नेहा के घर मे टकटकी बाधे देखता रहता था. नेहा के मामा जी के घर के किचन कीं खिड़की रोड कीं ओर खुलती है. इसलिये सूरज अपने घर के बाहर ही डेरा जमाये रखता है. एक दिन सूरज अपने घर कीं छत पर खड़ा हो कर पतंग उड़ा रहा था.
पतंग उड़ाते उड़ाते उसका ध्यान एकदम से गया सामने वाले किचन कीं खिड़की पर ओर उसने देखा कीं नेहा खिड़की से पतंग उड़ाते उसे देख रही है. सूरज अब हिम्मत करके नेहा कीं तरफ मुस्कुरा देता है
ओर जवाब मे वहाँ से भी एक प्यारी सी स्माइल आती है. सूरज कीं खुशी का कोई ठिकाना नहीं रहता है. नेहा एक दिन सूरज कीं छोटी बहन से बात कर रही होती है हिम्मत करके सूरज भी उससे बात कर ही लेता है.
सूरज को पता चलता है कीं नेहा पतंग उड़ाना सीखना चाहती है. सूरज उसे सिखाने का बोलता है. लेकिन वो मना करती है. क्यों कीं उसकी मम्मी उसे किसी भी लड़के से बात करने भी नहीं देती.
पतंग उड़ाना तो बहुत दूर कीं बात है. सूरज उसे बोलता है कीं वो उसके घर के पीछे बारांदे मे उसे सीखा देगा, साथ ही वहाँ सूरज कीं बहन भी होंगी.
नेहा थोड़ा मनाने पर मान जाती है. आखिर वो भी सूरज के साथ समय बिताना चाहती है. नेहा कीं मम्मी,जब उसकी मामी के साथ, किसी रिश्ते दार से मिलने जाती है. तब नेहा सूरज के बारांदे मे जाती है.
लेकिन उन्हें नहीं पता था कीं अनजाने मे वो बड़ी मुसीबत मे फसने वाले है. पतंग उड़ाते समय नेहा के पैर मे मोच आ जाती है. ओर चल भी नहीं पाती है नेहा वही बैठ जाती है.उसकी आँखों से आंसू निकलने लगते है.
सूरज उसे दर्द मे ऐसे देख कर उसे गोद मे उठा लेता है, ओर कमरे मे बिस्तर कीं ओर लें जाता है, लेकिन उसी समय उसके घर मे नेहा कीं मम्मी आ जाती है,
ओर सूरज ओर नेहा को ऐसे देख कर उनके गुस्से का कोई ठिकाना नहीं रहता है. वो नेहा को वहाँ से लें जाती है. सूरज को रात भर नींद नहीं आती है. वो सुबह का इंतज़ार करता यह सोच रहा है कीं,
नेहा का पैर कैसा होगा साथ ही कहीं उसकी मम्मी ने नेहा को कुछ कहां या मारा तो नहीं. सुबह होती है ओर सूरज देखता है कीं, नेहा ओर उसकी मम्मी ऑटो मे बैठ कर जा रहें है.सूरज ओर नेहा कीं आँखों मे कुछ बातें होती है, ओर नेहा वहाँ से चली जाती है.
अब सूरज को नेहा का ही इंतज़ार रहता है. उसका दिल कहता है कीं,नेहा फिर आएगी. इंतज़ार मे करीब एक साल बीत जाता है. ओर साल भर के बाद फिर उसे सामने वाले किचन मे नेहा दिखाई देती है.
उसे ख़ुशी होती है लेकिन उसकी खुशी कुछ ही मिनट कीं होती है क्यों कीं इस बार नेहा कीं मांग भरी है ओर उसके साथ उसका पति भी है. उसकी मम्मी ने उसकी शादी करवा दी है.
पहला प्यार( Frist love)
स्कूल लव स्टोरी (school love story)
School love
रवि औऱ निशा एक ही क्लास मे है,औऱ रवि क्लास के चुप रहने वाले लड़को मे से है. ज्यादा बाते करना उसको पसंद नहीं है. क्लास मे अच्छे नंबर भी लें आता है.
निशा का अपना अलग ग्रुप है निशा बोलने मे थोड़ी तेज़ है वो होते है जब टीचर पूछते है किसको यह अंसर आता है, तो जो चार पांच बच्चे हाथ उठाते है,
उनमे से एक हाथ निशा का भी होता है. अब निशा औऱ रवि दोनों 12 th मे है यह उनका लास्ट ईयर है स्कूल का. हालांकि क्लास मे दूसरी औऱ लव स्टोरी बन चुकी है, लेकिन अभी तक इनकी सिर्फ फॉर्मल बातें है
कुछ खास नहीं है. यहाँ मैथ्स कीं जो क्लास लेते है, वो है स्कूल के वॉइस प्रिंसिपल त्रिपाठी जी. रवि कीं मैथ्स थोड़ी कमज़ोर है. निशा को त्रिपाठी जी ने बनाया है मैथ्स पीरियड का मॉनिटर.
अगर कहीं काम मे त्रिपाठी जी लेट हो जाये, जो कीं वो अक्सर होते है तो निशा क्लास को कंट्रोल करती है. बोर्ड पर उन बच्चों का नाम लिख देती है जो शोर करते हो अपनी जगह से उठ कर जाते हो.
लेकिन निशा ऐसे दिल कीं अच्छी है, वो नाम लिखती है लेकिन त्रिपाठी जी के आने के पहले उसे साफ भी कर देती है.ताकि किसी को भी डांट या मार नहीं खाना पड़े. त्रिपाठी जी आज फिर किसी कारण से क्लास मे लेट है.
औऱ निशा फिर बोर्ड के सामने है नाम लिखने को तैयार. रवि के पास बैठा उसका दोस्त उसका पेन गिरा देता है रवि सिर्फ उसकी तरफ देख कर अपना पेन उठाने के लिये चेयर से उठता है.
निशा रवि को उठा हुआ देख कर उसका नाम बोर्ड पर लिख देती है. रवि पेन लेकर फिर अपनी जगह पर बैठ जाता है.
लेकिन निशा इस बार नाम को साफ नहीं कर पाती, क्यों कीं उसके पहले ही त्रिपाठी सर क्लास मे आ जाते है. औऱ रवि का नाम बोर्ड पर देख लेते है.
त्रिपाठी सर आज कुछ एक्स्ट्रा गुस्से मे थे औऱ उनके हाथ लग जाता है रवि. रवि को वो वहाँ आने को कहते है. रवि को आते ही ज़ोरदार 2 तमाचे टिका देते है. क्लास मे जैसे सुई पटक संन्नाटा छा जाता है.
त्रिपाठी जी के हाथो पीटा,वो लड़का है जो सबसे कम बोलता है. रवि पीटने के बाद चुप चाप अपने गाल पर हाथ रखे हुऐ, निशा कीं तरफ देखते हुऐ अपनी डेस्क पर वापस लौट जाता है.
निशा को अब लगा कीं उसने बहुत बड़ी मिस्टेक कर दी.पीरियड खत्म हुआ क्यों कीं वो लास्ट पीरियड था, इसलिये इसके बाद स्कूल कीं छुट्टी औऱ सब अपने घर कीं तरफ निकलते है.
लेकिन पूरी क्लास का टॉपिक वो ही रवि के दो तमाचे है. रवि जल्दी से निकल जाता है उसके पीछे जाता है उसका फ्रेंड जिसने उसका पेन गिराया था, सॉरी कीं साहनुभूति लिये. इधर निशा कीं सहेलियां सारी निशा को आज कीं घटना का जिम्मेदार बता रही है,
निशा भी मन ही मन गिल्टी है. गाल पर हाथ लिये रवि घर पर जाता है औऱ बीमारी का बहाना बना कर अपने कमरे मे घूस जाता है. रात मे निशा को नींद नहीं आती है औऱ ना ही उसके पास रवि का नंबर है.
जो वो कॉल कर सके.निशा को सुबह का इंतज़ार है ताकि वो रवि को देख सके औऱ उसे सॉरी बोल सके. सुबह हो गई, निशा को आज पहली बार शायद स्कूल जानें कीं बेसब्री है वो स्कूल पहुँचती है. क्लास रूम मे चारो तरफ नज़र घुमा कर देखती है,
लेकिन उसे रवि नहीं दिखाई देता. रवि आज स्कूल नहीं आया अब निशा का दिन निकलना मुश्किल हो गया. औऱ रही सही कसर निशा कीं सहेलियों ने पूरी कर दी जो उसे ऐसे लुक दे रही है,
मानो जैसे मनोज को उसी ने मारा है. दिन ख़त्म होता है, सभी फिर घर को निकल पड़ते है. रवि अपने घर मे बैठा है औऱ दरवाजे पर बेल बजती है औऱ सामने होती है, निशा. रवि, निशा को देख कर सरप्राइज हो जाता है.
निशा कुछ बोल नहीं पाती औऱ इतने मे रवि कीं मम्मी पूछती है,कौन है बेटा? उनको आता देख निशा भाग जाती है रवि जवाब देता है, पता नहीं कौन बेल बजा कर भाग गया. अब रवि का गुस्सा जैसे आधा ख़त्म हो गया हो,
क्यों कीं जहाँ तक उसे पता था निशा को उसके घर का एड्रेस नहीं मालूम था, यानि निशा ने किसी से पूछा होगा औऱ उसके घर उसे देखने आयी होंगी.
अगले दिन वो स्कूल जाता है, कल जिस लड़की कीं वजह से उसने तमाचे खाये थे सबके सामने आज वो उसी लड़की के बारे मे सोच रहा है, वो अपनी डेस्क पर जाकर बैठता है. रवि को पता था कीं निशा उसके पास जरूर आएगी. लेकिन निशा नहीं आयी,
आयी निशा कीं दोस्त औऱ रवि को एक लेटर देकर चली गई. अब रवि का आधा गुस्सा जो पहले बचा था वो भी गायब हो गया. रवि को पता था कीं लेटर किसने दिया है. इसलिये अब उसने लेटर खोला नहीं. हालांकि उसे भी पता है कीं लेटर मैं सॉरी ही होगा
लेकिन अभी वो उसे लव लेटर से कम नहीं लग रहा. वही निशा बार बार रवि को मूड कर देख रही है. लेकिन रवि उसके देखने पर नज़रे चुरा रहा है, थोड़ा भाव खां रहा है. रवि को अब उसके पास बैठे दोस्त छेड़ने लगे है.
रवि अब लेटर खोल के देखना चाहता है. यह पहली बार है जब वो इस तरह के अहसास से गुजर रहा है. रवि लेटर खोलता है औऱ उसमे बड़े बड़े शब्दों मे लिखा होता है, "I am sorry" औऱ साथ मे रोने वाला इमोज़ी.
रवि को उस रोने वाले इमोज़ी को देख कर हसी आ गई. वो कहते है जब आपके दोस्त औऱ क्लास वाले आपको एक दूसरे के नाम से चिढ़ाने लगते है, तो कुछ ना हो तो भी कुछ- कुछ होने लगता है.
रवि औऱ निशा के साथ भी यह हो रहा था. अब क्लास वालों कीं नज़र मे एक और कपल बन गया था. तो ऐसा था रवि औऱ निशा का पहला प्यार. यह कहानी इसी मीठे अहसास के साथ खत्म होती है, जो कीं सभी के साथ कभी ना कभी हुआ होगा.