Suspense Story| Hindi Story| Hindi Suspense Kahani|कहानी| रहस्यमयी किताब| किताब करती थी इच्छा पूरी| किताब कीं शर्त ना मानने पर भुगतना पड़ा अंजाम||

एक Suspense और Thriller story. एक रहस्यमयी किताब जो आपको सबकुछ देती है लेकिन साथ ही उसकी कुछ शर्ते भी होती है. तो पढिये यह पूरी कहानी. 


Suspense Story| Hindi Story| Hindi Suspense Kahani|कहानी| रहस्यमयी किताब| किताब करती थी इच्छा पूरी| किताब कीं शर्त ना मानने पर भुगतना पड़ा अंजाम||

सूरज के हालत अच्छे नहीं थे |

सूरज अभी नौकरी कीं तलाश मे है. घर कीं हालत ठीक ना होने के कारण उसकी पढ़ाई ज्यादा नहीं हुई है. पहले वो किसी कपडे कीं दुकान मे काम करता था.

लेकिन दुकान घाटे मे होने के कारण मालिक ने उसे नोकरी से निकाल दिया. अब छोटे शहर मे उसके लिये कुछ काम ज्यादा है नहीं, तो वो थोड़ा निराश है.

एक शाम घर वापस जाते वक्त, उसे झाड़ियों मे किताब दिखाई देती है|

रहस्यमयी किताब बदल देती है किस्मत|

किताब को उठा कर देखता है. उसके कवर पर ही लिखा होता है जो भी यह किताब खोलेगा, यह किताब चमत्कारी रूप से उसके जीवन को बदल देगी.

सूरज को पहले तो यकीन नहीं होता है. लेकिन फिर भी वो उसे घर लें जाता है. घर पर लें जाकर वो किताब को खोल के पढ़ना शुरू करता है.

किताब मे लिखा होता है आप गरीबी से परेशान है, अमीर बन सकते है औऱ उसे एक लॉटरी कीं टिकट का नंबर लिखा मिलता है.

सूरज लौटरी कीं टिकट लेने जाता है. थोड़ा ढ़ूढ़ने के बाद उसे उस नम्बर कीं टिकट मिल जाती है. औऱ उसकी 1 करोड़ कीं लॉटरी लग जाती है.

किताब मैं आगे लिखा होता है सूरज वही करता है. किताब उसे एक बस लेने को कहती है. सूरज वैसा ही करता है.

औऱ धीरे धीरे किताब कीं मदद से 1 साल मे सूरज कीं 5 बसें चलने लगती है. सूरज अब करोड़पति बन चूका है|

सूरज किताब के नियम तोड़ देता है|

फिर एक दिन सूरज एक अहम नियम को तोड़ देता है|
किताब कीं शर्त थी, कीं उसे रोज एक बार खोल के पढ़ा जाये. सूरज पैसो के नशे मे,

एक दिन किताब खोलना भूल जाता है. फिर जब उसके अगले दिन सूरज किताब खोलता है. तो किताब कीं शर्त ना मानने कीं वजह से,

किताब उसे दंड स्वरूप उसकी आधी दौलत दान करने को कहती है. वो भी 2 दिन के भीतर. सूरज को लालच आ जाता है. वो किताब कीं बात नहीं मानता.

उसकी बात ना मानने पर किताब उसे आखिरी चेतावनी देती है औऱ लिखती है, कीं अगर उसने नहीं किया तो उसकी सारी दौलत बहुत जल्द ख़त्म हो जायेगी.

सूरज को अब गुस्सा आता है. वो किताब को लेकर फिर जंगल मे झाड़ियों मे फेक देता. औऱ सोचता है कीं अगर वो ठीक से काम करेगा तो ऐसा कुछ नहीं होगा|

किताब फिर बना देती है भिखारी|

लेकिन सूरज जो सोचता है ऐसा कुछ नहीं होता| उसकी एक बस किसी बड़े नेता के घर कीं दीवार तोड़ देती. फिर सूरज पुलिस औऱ कचहरी के चक्कर मे फस जाता है.

जेल भी जाता है. धीरे धीरे किताब ने जो बोला वो होता है. सूरज फिर अपनी पहली सी हालत मे लौट आता है. सूरज उस किताब को खोजने फिर जाता है

लेकिन उसे वो नहीं मिलती. शायद अब वो औऱ किसी का भविष्य बदल रही होंगी|

आप यह कहानी यहाँ भी सुन सकते है|


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