Social Media के जमाने में लेटर से किया प्यार का इज़हार| love story| Hindi kahani| Hindi Stories| खूबसूरत प्यार कीं कहानी| लव स्टोरी||

Social Media के जमाने में लेटर से किया प्यार का इज़हार| love story| Hindi kahani| Hindi Stories| खूबसूरत प्यार कीं कहानी| लव स्टोरी||


प्रेरणा और यश कीं लव स्टोरी|


जब पहली बार मिलें|

मैं प्रेरणा हूं. मैं एक CA फर्म मैं काम करती हूं| काफ़ी बड़ा फर्म है. बहुत सारे क्लाइंट है. हमारे ऑफिस कीं 2 ब्रांच है. दोनों थोड़ी दूरी पर है. ऑफिस के काम से कुछ लोग का आना जाना इस ऑफिस से उस ऑफिस लगा ही रहता है. ऐसे ही एक बार मेरा जाना हुआ दूसरी ब्रांच में कुछ फ़ाइल लेकर. वहाँ मुझे दिखाई दिया, यश. हम दोनों ने एक दूसरे को कुछ अलग तरह से देखा. मिले तो पहली बार थे लेकिन फिर भी पता नहीं क्यों कुछ अलग वाली फीलिंग आयी. खैर उस दिन तो मैं काम खत्म करके आ गई. मैंने उस पल के बाद ज्यादा सोचा नहीं. लेकिन उसके बाद यश का मेरी ब्रांच में आना शुरू ही गया. वो वीक मैं लगभग 2 यां 3 बार आ जाता है. लेकिन अभी तक सिर्फ फॉर्मल स्माइल औऱ हाय हेलो ही है. बाकि बातें आँखों में है|

उम्र में मुझसे छोटा है|

मैं उसकी सीनियर हूं. उम्र मैं वो करीब 2 साल मुझसे छोटा है. एक बार वो एक फ़ाइल लेकर आया था कुछ डाउट था उसे, लेकिन बॉस कीं डेडलाइन कीं वजह से मैं उसे ज्यादा समय नहीं दे पायी काफ़ी स्ट्रेस भी थी. उस दिन के बाद वो नहीं आया बात करने. उसे लगता है, मैं उसमे Interested नहीं हूं, पर ऐसा नहीं है. मेरे मन मैं भी कुछ फीलिंग है. औऱ ऑफिस में ज्यादा बात लीक ना हो जाये, इसका भी डर रहता है| वो अब 7 दिन से मुझे दिखाई नहीं दिया. लगता है शायद जो थोड़ा बहुत था, वो भी खत्म हो गया. उसने मेरा नंबर भी नहीं माँगा, मैं उसकी सीनियर हूं तो मैं कैसे मांगू उसको मांगना था ना. पर शायद मैं ज्यादा सोच रही हूं,क्या पता उसके मन मैं ऐसा कुछ हो ही ना|

जब अचानक वो घर आ गया|

मेरी तबियत ख़राब हो गई| तो ऑफिस से मैंने 2-3 दिन कीं छुट्टी लें ली| घर पर आराम कर रही थी. मैं अपने कमरे में सोई थी. तो मेरे मैन डोर कीं बेल बजती है. मुझे लगा कपडे वाला है, डोर खोला तो सामने खड़ा था यश. हाथ मैं फ़ाइल लिये. मैं तो shock रह गई, लगा कीं मैं सपने मैं तो नहीं. वो बोला मेम, एक फ़ाइल थी सर ने बोला कीं आप एक बार देख लें. मुझे लगा कीं ऐसा क्या जरुरी काम है, जो यह फ़ाइल लेकर घर आ गया. फिर मन ही मन मैं थोड़ी खुश हुई.मैंने फ़ाइल ली औऱ बोला ठीक है, मैं देख लुंगी. वो फ़ाइल लेने के बाद भी खड़ा रहा.मैंने उसकी थोड़ी टांग खींची. क्यों कीं 7 दिन से दिखा नहीं था. बोला औऱ कुछ काम है.वो हड़बड़ा कर बोला नहीं औऱ जानें लगा. मैंने उसे आवाज दी औऱ कहां अरे सुनो अंदर आ जाओ, काफ़ी पानी कुछ लें लों. वो बोला नहीं. मैंने बोला प्लीज् आ जाओ.वो अंदर आया|

फाइल नहीं छोड़ रहा था|

मैंने फाइल वही टेबल पर रख दी| मैं एक बार किचन में जानें से पहले खुद को कांच मैं देखने गई एक तो मेरी तबियत ठीक नहीं थी, तो मुझे लगा कीं कहीं देखते ही ना भाग जाये.मैंने काफ़ी औऱ पानी लेकर टेबल पर रखा. वो थोड़ा नर्वस था.मैंने काफ़ी दी औऱ बोला तुम्हे मेरा एड्रेस पता था, वो फाइल उठा कर देख रहा था वो थोड़ा झिझक के साथ बोला हा वो ऑफिस में पूछा| इसने पूछा आप ऑफिस क्यों नहीं आयी.मैंने बोला कीं तबियत ठीक नहीं थी. फिर वो बोला कीं ठीक है.तो यह फ़ाइल मैं लें जाता हूं आप बाद मैं देख लेना.मैंने पूछा किस क्लाइंट कीं फ़ाइल है. वो बोला पता नहीं सर ने दी है.मैंने बोला कीं ठीक है, मैं सर से फोन पर बात करती हूं. वो घबरा गया बोला नहीं मेम आप अभी मत पूछे सिर बिजी होंगे. मुझे थोड़ा डाउट हुआ क्यों कीं फ़ाइल अभी, उसने हाथ मैं रख हुई थी. मैंने बोला ठीक है तुम रख दो मैं देख लुंगी. वो बोला नहीं आप रेस्ट करें. यह बोल के वो उठा. औऱ जानें लगा. फ़ाइल छोड़ ही नहीं रहा था. लेकिन मैंने उसे रोका बोला ऐसा क्या है जो तुम छुपा रहें हो.वो थोड़ा डरा मेरी तेज़ आवाज से. मैंने बोला दो फ़ाइल मुझे. वो बोला मेम नहीं|

दरवाजा खोल कर भाग गया|

मैंने उसके हाथ से फ़ाइल लें ली औऱ जैसे ही ली वो गेट खोल कर बाहर| मैंने बोला अरे सुनो. फ़ाइल के ऊपर किसी क्लाइंट का नाम नहीं था. औऱ खोल के देखा तो. इसमें एक लेटर था. एक्चुअली लव लेटर था. मैंने कभी सोचा भी नहीं था कीं वो फ़ाइल में लेटर रख के लाएगा.उसमे लिखा था कीं मैं आपको पसंद करता हूं, अगर आपको बुरा लगा हो पढ़कर तो प्लीज बॉस से मेरी कंप्लेंट मत करना| मुझे पढ़कर बहुत हँसी आयी. यह सोचकर ज्यादा कीं वो भागा कैसे. उसने उसका नंबर भी दिया था.सोशल मीडिया के टाइम पर मुझे प्रपोज़ लेटर से किया जायेगा|

फिर मैंने उसके मुँह से सुना|

मैंने उसे उसी समय फोन किया| बोला अभी कीं अभी वापस आओ. वो वापस आया उसके चेहरे पर हवाईया उडी हुई थी. मेरे सामने खड़ा था| मैंने बोला यह क्या तरीका है. वो बोला सॉरी. पर यह सच है मुझे आप पसंद हो. बस फिर मेरा दिल पिघल गया मैंने उसे ज्यादा परेशान नहीं किया| मैंने बोला पसंद तो तुम मुझे भी हो पर प्रपोज़ का तरीका कुछ बेटर हो सकता था. वो सिर उठा कर मुझे देख कर मुस्कुराया औऱ हां 2 साल बाद जब उसने मुझे शादी के लिये प्रपोज़ किया तब मैंने उसे घुटने पर बिठाया|

आप यह कहानी यहाँ भी सुन सकते है|

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ

Ads