दूसरी शादी |Motivational story| Hindi kahani| Hindi story| kahaniyaan| कहानियाँ| जब अच्छा सोचना बंद कर दिया||

दूसरी शादी|Motivational story| Hindi kahani| Hindi story| kahaniyaan| कहानियाँ| जब अच्छा सोचना बंद कर दिया||

पहली शादी|

मैं सुशीला, छोटे से शहर कीं एक लोअर मिडल क्लास परिवार कीं बेटी| मेरे पिताजी ने मुश्किल से हम 3 बहनो को बड़ा किया है. फिर परिवार पर दबाव होता है, समाज का शादी का. तो पिताजी ने मेरी शादी करवादी. शादी हुई. मेरे पति आंनद का घर भी छोटा था. वो भी छोटी सी एक प्राइवेट नौकरी करते थे| वो ट्रक ड्राइवर थे. माल लाने लें जानें में अक्सर वो दूर दूर जाते थे. 2-3 दिन तक घर से बाहर ही रहते थे. आनंद के माता पिता औऱ एक बड़ी बहन थी. बड़ी बहन कीं शादी तो हो गयी थी. लेकिन कुछ मनमुटाव के चलते वो अभी हमारे साथ ही रहती है. सही बात तो मुझे नहीं बताई लेकिन मैंने ज्यादा पूछा भी नहीं. मैं अक्सर घर में रहकर घर का काम करती थी, इतना मुश्किल नहीं था, क्यों कीं काम तो मैं मेरे घर भी किया करती थी. पति भी अच्छा है| मुझे लगा कीं अब इस घर से मेरा भाग्य जुड़ गया है|

6 महीने बाद ही|

लेकिन मैंने जो सोचा वो नहीं हुआ| शादी के ठीक 6 महीने बाद ही मेरे पति का एक्सीडेंट हो गया. जैसे ही यह खबर आयी मैं बेसुध होकर जमीन पर गिर पड़ी. औऱ जब मैं होश आयी. तब तक सब हो चूका था. जो आप सोचते हो ऐसा कभी होता नहीं. परिवार मैं एक ही बेटा औऱ वो भी चल बसा. तो सोचा उस परिवार का क्या हो रहा होगा. मैं अभी भी उनके घर मैं थी.औऱ जैसे कीं होता है, ताने शुरू हो गये है, कीं मैं इस घर के लिये शुभ नहीं रही. मेरी क्या हालत है मैं बता भी नहीं सकती. आंसू रुकने का नाम नहीं लेते. कुछ समय के बाद घर में खाने कीं समस्या होने लगी. उनके पिताजी कीं पेंशन से इतना नहीं हो पाता था. तो मुझे मेरे पियर वापस भेज दिया गया. मेरे माता पिता भी अब बहुत परेशान थे|

दूसरी शादी|

एक बार मेरी शादी के बाद वो,अब छोटी बहन कीं शादी के लिये रिश्ता ढूढ रहें थे| लेकिन अब घर में वापस मेरी शादी कीं बात होने लगी. मेरी दूसरी शादी कीं. मेरे मन में सवाल,कई आये कीं. क्यों अब मुझे शादी करना है, क्या मैं अकेले नहीं रह सकती.आखिर क्यों मेरे माता पिता मेरी फिर से शादी कराने कीं बात कर रहें है. इतनी तो मैं काबिल हूं कीं अपना पेट भर सकती हूं. यह बात मैंने मेरी माँ से कीं. वो बोली बेटा हम औऱ तेरे पापा कितने दिन के है. हमें तुझ पर तो पूरा भरोसा है.पर बेटा दुनियाँ का क्या करें. माँ कीं बात मैं पूरी समझी नहीं, लेकिन इतना तो पता है कीं माँ, बाप हमेशा अपने बच्चों का भला ही सोचते है. समाज मैं बात तो फ़ैल ही गई थी.इसलिये कोई रिश्ता नहीं मिल रहा था.लेकिन फिर मम्मी ने बताया जीवन जी के बारे में, उनकी 7 साल कीं एक बच्ची है.उनकी पत्नी का भी स्वर्गवास हो गया है.उनकी एक दुकान है,घर मैं उनकी माता औऱ एक बच्ची है.मम्मी मुझे बोली कीं बेटा तू अगर माने तो हम तेरी शादी फिर से इनसे करवा दे| मुझे पता चल गया था, कीं मम्मी पापा नहीं मानेगे| इसलिये मैंने हामी भर दी|

जो सोचा नहीं हुआ|

फिर एक बार मैंने शादी कर ली| ज़िन्दगी कीं यह अजीब बात मैंने देखी, जब आप बहुत कुछ सोच कर रखते हो, तब वैसा नहीं होता. औऱ जब कुछ नहीं सोचते तब अच्छा होता है. मैंने भी सोच लिया कीं मेरी जिंदगी में ख़ुशी आएगी नहीं. मैंने सोचा था कीं मैं जहाँ जाउंगी मुझे दुख मिलेगा. यह मान कर ही मैंने शादी कीं. लेकिन ऐसा नहीं हुआ जीवन जी के घर में मुझे अजीब सी शांति लगी. बच्ची कीर्ति बड़ी प्यारी थी. जब से मैं आयी तब से मुझसे चिपके रहती है. नयी मम्मी बोल के. सांस का थोड़ा ख्याल रखना| पढता है बीमार रहती है| जीवन जी ने तो अभी तक शायद मेरा चेहरा भी ठीक से नहीं देखा. मैं समझती हूं हम दोनों का एक ही दर्द है. इसलिये मैंने भी उन्हें कुछ कहां नहीं. सिर्फ घर का काम औऱ बच्ची यह ही मेरी जिंदगी हो गई है. समय मैं बड़े ताकत होती है, समय सबसे बड़ा मरहम है. धीरे धीरे सब कुछ ठीक करता रहता है. जानें वाले याद तो आते है. लेकिन समय फिर हमें भरता रहता है. मेरी दूसरी शादी को अब 2 साल हो गये है. औऱ मेरी 2 बहनो कीं शादी अब होने वाली है. अब वो भी उभर रहें है. ज़िन्दगी फिर पटरी पर आ रही है. हँसी चुपके से आ रही है|

ज़िन्दगी मौक़े देती है|

जो होना होता है उस पर हमारा कोई ज़ोर नहीं होता है. पर उस समय अपने आप को संभालना बहुत जरुरी होता. आप बस आगे बढिये जिंदगी औऱ भी मौके देती है. खुश रहने के.अभी इस समय बुरा हो तो सबकुछ खत्म ऐसा ना सोचिये. पन्ना पलटीये औऱ आगे देखते जाईये कुछ अच्छा होगा|

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