Hindi story | Stories| Love Story| हिंदी कहानी| थप्पड़ खा कर भी लड़के ने शादी के लिये हां क्यों कहां? जानें वजह||

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शादी के लिये लड़के से मिलने गई थी, मार दिया थप्पड़| 


किसी और से करती थी प्यार| 

राहुल जब से मेरी जिंदगी से गया है|तब से मुझे लड़को की शक्ल से भी नफरत हो गई है. उसे मैंने बहुत प्यार किया. औऱ जब वो बिना एक दिन ऐसे ही भाग गया तब मुझे लगा की दुनियाँ मे प्यार नाम की कोई चीज नहीं होती है. अब मैं जैसे बिना दिल वाली इंसान बन गई हूं. मुझे कुछ भी महसूस नहीं होता है, क्यों की अब मुझे लगता है की इससे बड़ा मेरी लाइफ मे अब क्या होगा.इसलिये आज मेरे पापा, मम्मी के बोलने पर मैं तैयार हो गई एक लड़के से शादी करने को, पापा का बोलना था की एक बार उस लड़के से मिल लों मैंने मना किया क्यों की जिसको मे इतने सालो तक साथ मे रहकर नहीं पहचान पायी तो अब एक छोटी सी मुलाक़ात से एक अजनबी को क्या पहचान पाऊँगी. लेकिन लड़का भी मुझसे मिलना चाहता है. मैंने उसको मिलने को हामी भर दी. सच कहूं तो मुझे अब किसी भी बात से कुछ फर्क नहीं पड़ता है |

डिनर डेट| 

हमारा मिलना तय हुआ डिनर पर|  पापा औऱ मम्मी चाहते है की मैं अकेले ही मिलने उससे जाऊ. मैं जैसे मुर्दा हूं, मुझे अब कुछ फर्क नहीं पड़ता | मेरे जो हाथ मे आया मैंने पहन लिया औऱ पहुंच गई.देखा तो वो मेरे लिये वहाँ बैठा इंतज़ार कर रहा था | मुझे देखते ही मुझसे मेरे पास आया औऱ मेरा नाम पूछता है. सामने जाकर मैं उसके बैठ गई. उसकी आँखों मैं चमक थी लेकिन मैं इस चमक को जानती हूं. यह हर लड़का दिखाता है पहली मुलाक़ात मे. राहुल मुझे छोड़कर गया लेकिन ज़िन्दगी का बहुत बड़ा सबक मुझे सीखा कर गया है.मेरा मुँह उतरा देख कर मुझसे पूछता है क्या हुआ सब ठीक है. मैंने भी उसे जवाब दिया मेरी थोड़ी तबियत ख़राब है. फिर वो बोला की आप फिर आज क्यों मिलने आयी हम फिर कभी औऱ भी डिनर कर सकते थे. बात तो वो अच्छी कहा रहा था लेकिन अच्छी बातें लड़को की कितनी जल्दी बदल जाती है इसका अंदाजा मुझे अब अच्छी तरह है. मैंने उसे कहां नहीं मैं ठीक हूं कोई बात नहीं खाना मेरी पसंद का ऑर्डर किया |

फिर आया एक ओर राहुल| 

फिर अचानक उसका फोन आया औऱ जब फोन पर उसने बात की तो मैंने तय कर लिया की अब मैं इससे शादी नहीं करुँगी. फोन पर उसने अपना नाम बताया सामने वाले को औऱ यह वही नाम था जिसे मैं अब कभी सुनना नहीं चाहती थी उसका नाम भी राहुल था
मैं भी हैरान थी मैं इतनी ज्यादा खोयी हुई थी कभी तक मैंने उसका नाम नहीं पूछा ना पापा मम्मी से ना ही उस से मैं एक दम से खड़ी हो गई औऱ उसको बोला की मैं जा रही हूं मेरी तबियत ज्यादा ख़राब है वो जैसे घबरा गया मुझसे बोलता है की मैं छोड़ देता हूं आपको गाड़ी से पर मुझे अब उसके मुँह से कहीं हर बात कांटे की तरह चुभ रही थी उसको बिना जवाब दिये मे मैं वहाँ से चली जा रही थी, वो मेरे पीछे पीछे आ रहा था. मेरी आँखों से अब आंसू टपकने लगे. औऱ मैं बाहर टैक्सी या ऑटो का इंतज़ार करने लगी. आँखों मे मेरी आंसू देख कर उसने मेरी बांह पकड़ी औऱ मुझे गाड़ी मे बैठने को कहां|

उस राहुल का गुस्सा निकला इस राहुल पर| 

उसने मेरी बांह पकड़ी बस इतना तो बहुत था मेरे अंदर की आग को निकलने के लिये औऱ मैंने उसके मुँह पर ज़ोर से एक थप्पड़ मार दिया. वो जैसे हक्का बक्का रह गया हो औऱ फिर उस राहुल की भड़ास इस राहुल पर निकली औऱ मैंने कहां तुम लड़के अपने आप को समझते क्या हो जो मन चाहा वो करोगे क्या जब तुम्हारा मन किया किसी का हाथ पकड़ लेते हो जब मन किया बिन बताये भाग जाते हो औऱ वो बस चुपचाप मुझे खड़ा देखता रहा| टैक्सी आयी औऱ मैं बैठकर वहाँ से चली आई आते वक्त मैंने उसका चेहरा भी नहीं देखा. अपने कमरे मैं आने के बाद एक घंटा मैं औऱ रोई|  पापा मम्मी को कुछ नहीं बताया |

लेकिन सुबह कुछ ओर ही हुआ|

सुबह मैं जगी लेकिन सच बताऊ तो रात को जो भी मैंने किया उसको मुझे कोई अफ़सोस नहीं हो रहा था. मुझे लग रहा था की यह थप्पड़ मैंने उसी राहुल को मारा है.थोड़ी देर बाद ही बाहर हाल से मुझे आवाजे आने लगी. मम्मी मेरा दरवाजा बजा रही है मैंने दरवाजा खोला मम्मी बोलती है की राहुल आया है अपने मम्मी पापा के साथ जल्दी तैयार हो कर निचे आ जा, मुझे पता चल गया था की वो जरूर कल रात की बात करने आया होगा लेकिन मुझे कोई डर नहीं था मैं निचे गई राहुल बैठा उसने मुझे देखा मम्मी किचन मैं थी मैं गई. उनके चेहरे पर स्माइल थी मुझे बोलती है की राहुल औऱ उसके घरवाले हां कहा दी है औऱ जल्द ही शादी करना चाहते है अब मुझे कुछ समझ नहीं आया की जिस लड़के को मैंने कल थप्पड़ मारा जानें अनजाने जिसे मैंने अपने ex boyfriend के बारे मे बता दिया वो मुझसे शादी को कैसी राज़ी हो गया.

इस राहुल ने फिर प्यार जगा दिया| 

ऐसे तो मेरे लिये उसका नाम ही काफ़ी था ना करने को पर इस बात को जानने के लिये मैंने मम्मी को बोला की मुझे उससे बात करनी है.वो फिर मेरे कमरे मैं आया. औऱ पहली बार मुझे लगा मैंने उसे देखा दिखने मैं बुरा नहीं है बोला जाये तो हैंडसम था. तब मुझे यह भी पता चला की ऐसा क्यों बोलते है की गुस्से मैं इंसान अंधा हो जाता है|  मेरे बिना सवाल किये उसने बोला शुरू कर दिया बोला की मुझे पता है की आप के साथ पहले शायद धोका हुआ औऱ किस हद तक आप सच्ची है यह भी मुझे कल रात पता चल गया. इसलिये मुझे आप से कल रात ही प्यार हो गया औऱ मैं चाहता हूं की आप मुझे मौका दे आपको गलता साबित करने का की सभी लड़के एक जैसे नहीं होते उसकी यह बात सुनकर मैं ना नहीं कर सकी एक वो राहुल था जो मुझे प्यार पर से विश्वास उठा गया औऱ एक यह राहुल था जो फिर से मुझे believe करा रहा था की प्यार होता है| 

आप यह कहानी यहाँ भी सुन सकते है| 

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