हिंदी कहानी| Hindi Story| Hindi kahani| Kahani| Stories| ग़लतफहमी| पति पत्नी के रिश्ते कीं रोचक कहानी||

हिंदी कहानी| Hindi Story| Hindi kahani| Kahani| Stories| ग़लतफहमी| पति पत्नी के रिश्ते कीं रोचक कहानी||


अंजली के स्वभाव के वजह से उसके पति को होने लगी जलन|

एक फ़्रैंन्ड्ली गर्ल है अंजली|

मैं अंजली हूं औऱ बड़ी ज़िंदा दिल हॅसमुख औऱ मुहफट हूं. मेरे घर में भी ऐसे ही मुझे रखा गया जैसी मैं थी. मुझे ज्यादा रोका टोका नहीं. ऐसा नहीं कीं मुझे टोका नहीं गया पहले, पहल मेरे मम्मी,पापा ने कोशिश कीं. लेकिन फिर उन्हें समझ आ गया कीं मेरा स्वभाव ही कुछ ऐसा है.इस स्वभाव के चलते मेरे कई दोस्त भी बने लड़कियां तो कम थी, लड़के ज्यादा. मेरी माँ को मेरी चिंता रहती है कीं, कल को ससुराल जायेगी तो वहाँ क्या गुल खिलाएगी. पर मेरे पापा कहते है जो होगा अच्छा ही होगा, ऊपर वाले ने इसके लिये भी कुछ सोचा ही होगा. मेरी शादी कीं उम्र होते ही मेरे लिये रिश्ता ढूढ़ना घर वालों ने शुरू कर दिया. कई तो घर तक पहुंचते ही नहीं थे उसके पहले ही केवल इसलिये मना कर देते थे, कीं लड़की बोलती बहुत है. अब बताओ भला यह भी कोई कारण हुआ किसी को रिजेक्ट करने का. लेकिन मुझे इन सब बातों से कोई फर्क नहीं पड़ता है. मैं अपनी लाइफ मैं खुश हूं. बोले तो बिंदास. अब मैंने सुना कीं एक लड़का घर तक पहुंच गया, मतलब वो देखने आने वाला है. रविवार को देखने आने वाले औऱ माँ ने मुझे पहले ही कड़ाई के साथ बोल दिया है कीं मैं अपनी हसी औऱ बातों पर कण्ट्रोल करके रखूँ|

यह बात लड़के को भा गई|

अमित औऱ उसके घरवाले मुझसे मिलने आये औऱ फिर जैसा कीं होता है, चाय नास्ता होने के बाद अमित औऱ मुझे अकेले में बात करने को कहां गया. मैं कब से अपने आप को रोक के बैठी थी इतना चुप तो मैं कभी नहीं रही. फिर क्या था जैसे ही वो आये मैंने बोलना चालू, मैंने सब पूछ लिया जो मेरे मन मैं था, कितना कमाते हो, घूमने का शोक है कीं नहीं. बीच में मुझे लगा कीं कहीं यह मना ना करदे. पर अमित को मेरी यह बात ही पसंद आयी. घरवालों ने शादी करा दी. अमित बड़ी सिटी मैं रहते है, वही अच्छी जॉब है. इसलिये शादी के 1 महीने बाद मैं भी वही चली गई. अमित सुबह 8 बचे ऑफिस जाते थे, तो 6 बजे वापस आते थे.ऑफिस के सारे उनके फ्रेंड एक दिन हमारे यहाँ खाने पर आये. शादी के बाद यह पहली बार था जब सब मिल रहें थे. उस समय तो मैंने बात नहीं कीं लेकिन जब घर मैं.वो आये तो मैंने सबके साथ खूब गप्पे लड़ाए. अमित के बारे में पूछा. अमित मुझ से बोल रहें थे कीं यह मुझसे ज्यादा तो तुम्हारे दोस्त लग रहें है|

फिर उनकी लाइफ में आया रवि|

उसमे ही अमित का एक दोस्त था रवि| वो पहले ऑफिस में था, लेकिन अब वो मॉडलिंग करने लगा था. मैंने उसके साथ भी खूब बाते कीं. वो मुझसे खाना सीखना चाहता था. मैंने भी बोला आ जाओ मैं तो पूरा दिन फ्री रहती हूं कभी भी आओ. अमित सुबह जब ऑफिस गये, तब रवि अगले दिन सच मैं खाना सिखने आ गया. थोड़ा बहुत मैंने उसे सिखाया. औऱ शाम को वापस चला गया. अमित अपनी केप भूल गया था. जब अमित ऑफिस से आये, तब उन्होंने मुझसे पूछा कौन आया था? क्यों कीं उन्हें केप दिखाई दे दी. मैंने बोला अमित कल खाना सिखने को बोल रहा था, आज आ गया अभी तुम्हारे आने के पहले गया है. उनका चेहरा थोड़ा उतरा वो, बोले अच्छा इतना रुका तो मुझसे भी मिल ही लेता. मैंने उस समय उनकी बात पर इतना ध्यान दिया नहीं. अगले दिन जब वो ऑफिस से आये तो अमित घर पर ही था. अमित उनसे मिले, उनकी कुछ बाते हुई|

अमित को होने लगी जलन और गलतफहमी|

जब वो गया तब वो बाथरूम मैं फ्रेश होकर आये, औऱ जैसी कीं मेरी आदत थी मैं पूरी दिन कीं कहानी बड़बड़ करके उनको बता रही थी. एक दम से वो मुझपे जोर से चिल्लाये, बोले चुप भी रहा करो. इतना बकवास करती हो.ऑफिस से काम करके आता हूं तुम्हारी तरफ मजे नहीं करता घर पर. ऐसा गुस्सा मुझ पर कभी किसी ने नहीं किया था. मेरे पापा ने भी नहीं. मेरी आवाज़ बंद हो गयी औऱ आंसू शुरू हो गये. मुझे समझ नहीं आया कीं उन्हें किस बात इतना गुस्सा आया. हम दोनों मैं बात बंद हो गई. अगले दिन मैंने मम्मी को सारी कहानी सुनाई क्यों कीं मुझे नहीं पता था कीं मैंने क्या किया जो इतना शांत रहने वाले अमित भी मुझ पर भड़क गये|

माँ ने मुझे समझाया|

मम्मी ने मुझे जोरदार डांट लगाइ औऱ बोला तुझे रवि को घर बुलाने कीं क्या जरुरत थी. मुझे समझ नहीं आया. माँ बोली कीं बेटा वो,अभी तुझे पूरी तरह जानता नहीं है. औऱ वो तेरा पति है, तू अगर दूसरे किसी के साथ ज्यादा घुलेगी तो हो सकता है कीं उसे बुरा लगे. मुझे थोड़ा समझ आया कीं उनका मूड क्यों ख़राब हुआ. अगले दिन फिर रवि आता है सिखने लें लिये.अब रवि को कुछ प्रोजेक्ट मिल गया था, तो 2-3 महीनों के लिये वो बाहर जानें वाला था. अमित ऑफिस से आये तब रवि को मैंने रोक रखा था. अमित का मुँह उतरा हुआ था. उसे देख कर औऱ ज्यादा ख़राब हो गया.बातों बातों मैंने बोला कीं मैं बहुत खुश हूं, रवि को कोई प्रोजेक्ट मिला है,वो बाहर जा रहा है.साथ ही मैंने यह भी कहां कीं.फेमस हो जाओ तो, प्लीज अपनी इस बहन को भूल ना जाना. रवि बोला अरे बिलकुल नहीं अभी कुछ दिन से आपकी वजह से मेरा पेट ठीक है वरना बाहर का खां कर इन्फेक्शन हो रहा था. अमित के चेहरा अब बदल गया था. उसके चेहरे पर बहन सुनकर स्माइल आ गई थी. रवि गया, मैं अमित से बात अभी भी नहीं कर रही थी. क्यों कीं वो मुझ पर भड़का था. आज उनके तेवर बदल गये थे. मेरे पास मैं आना चाहते थे, मुझे मनाने. फिर उन्होंने थोड़ी कोशिश कीं, तब मैंने बोला कीं अगर आप कल क्यों गुस्सा हुऐ थे, इस बारे मैं मुझे सही बता दोगे तो मैं मान जाउंगी. वो बोले ऐसे ही कुछ ऑफिस मैं ज्यादा काम था. मैंने कहां नहीं मुझे पता है, वो बोले क्या. मैं बोली पति पत्नी का रिश्ता विश्वास औऱ भरोसे का है. आप अगर मुझे कुछ बताएँगे नहीं कीं, आप क्या सोच रहें है. यां क्या गलतफहमी पाल के बैठे है,तो मुझे पता नहीं चलेगा.मैं समझती हूं कीं कितना भी सही, हो मन मैं ऐसे ख्याल आ जाते है. आप कीं जगह मैं होती तो शायद वही सोचती जो आपने सोचा.लेकिन हम बात करके एक दूसरे को समझके, सब बातें सॉल्व कर सकते है. उनके चेहरे पर एक बड़ी स्माइल थी. अब वो मुझे ज्यादा समझदार समझने लगे. गलतफहमी एक बड़ी वजह है पति पत्नी के रिश्ते को कमज़ोर करने कीं. बात करिये, बात ही बिगड़ी बात फिर बना सकती है|


आप हमारी कहानी यहाँ भी सुन सकते है|

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