इंटरव्यू देने पहुँचा लड़का, नौकरी देने वाली निकली लड़के का पहला प्यार| Hindi love story| Sad love story| kahaniya| हिंदी कहानी| Storiyaan Tv||
मनोज का है एक पास्ट |
मनोज एक सिविल इंजीनियर है. उसने 12 th के बाद 3 साल का ड्राप लिया था. उसके साथ कुछ ऐसा हुआ था जिस कारण से उसे स्कूल बदलना पड़ा साथ ही उसे इन बातों से उभरने के लिये काफ़ी समय लग गया.उसके साथ के मित्र अभी तक नौकरी लग चुके थे औऱ वो अभी नौकरी के लिये भटक रहा था. मनोज ने सिविल इंजीनियर कम्पलीट कर ली है.मनोज अब नौकरी के लिये एक कंस्ट्रक्शन कम्पनी के ऑफिस मे जाता है.जैसा कीं आजकल हाल है नोकरी के लिये बाहर काफ़ी लोग आये है. मनोज अपने नंबर का इंतजार कर रहा होता है कुछ घंटो के बाद मनोज का नंबर आता है. वो अंदर इंटरव्यू के लिये जाता है. इंटरव्यू लेने के अंदर केवल एक ही यंग लड़की है रिया. रिया ने मनोज को आते भी नहीं देखा. वो फ़ाइल मे बिजी है औऱ कुछ ड्राइंग देख रही है. फिर कुछ देर बाद वो मनोज को बिना देखे ही उसकीं फ़ाइल देखती है.
मनोज ने रिया को पहचान लिया|
मनोज ने रिया को पहचान लिया वो थोड़ा सा घबरा गया औऱ उठ कर जाना चाहता है. लेकिन फिर वो हिम्मत कर के वही बैठा रहता है. जेब मे से रुमाल निकाल कर अपना पसीना पोछता है. रिया को यह सब दिखाई देता है वो मनोज को कहती है घबराने कीं जरुरत नहीं है आप रिलैक्स रहिये, आराम से आप चाहे तो पानी पी सकते है. वो मनोज का CV देखती है
मनोज के CV से उसे पता चल जाता है कीं मनोज ने स्कूल के बाद ड्राप लिया है. वो मनोज से पूछ लेती है. रिया-आप ने ड्राप क्यों लिया था.
मनोज- आपकी वजह से.
यह सुनकर रिया ऊपर मुँह कर के मनोज को देखती है.
रिया-सॉरी क्या बोला आपने
मनोज-हां आपने सही सुना मैंने ड्राप आपकी वजह से लिया था.
रिया को मनोज कीं बात सुनकर थोड़ा गुस्सा आता है.
रिया मनोज को पहचान भी नहीं रही|
रिया- या तो आपको कुछ गलतफहमी हो रही है या आप मज़ाक कर रहें है.
मनोज मुस्कुराते-नहीं मुझे कोई गलतफहमी नहीं हुई है मैं अपनी लाइफ मे पीछे आपके कारण ही रहा हूं
रिया का सब्र अब टूट जाता है, वो मनोज कीं फ़ाइल को फेक देती है,औऱ बोलती है.
रिया-तो आप जैसे लोगो को शर्म नहीं आती क्या? जहाँ लड़की देखी वही फ़्लर्ट करना शुरू कर देते है. आप कहां आये है आपको पता है. आप नौकरी मागने आये है. औऱ इस तरह से बत्तमीज़ी कर रहें है.
मनोज-तुम्हारा कसूर नहीं है. उस घटना के बाद मेरा चेहरा पूरा बदल गया है.मैं खुद अपने आप को नहीं पहचान पाता, तो कोई मुझे क्या पहचानेगा.
रिया एक बार फिर मनोज को गौर से देखती है औऱ फिर कुछ समय सोचने के बाद.
रिया- मुझे लगता है आपको कुछ गलतफहमी हुई है आप प्लीज् अभी जाईये आपको यहाँ से कॉल आ जायेगा. मनोज- तुम झूठी हो. मुझे पता है तुम कॉल नहीं करोगी. रिया को झूठी सुनकर बहुत ज्यादा गुस्सा आता है.
रिया - ओह एक्सक्यूज़ मी मिस्टर तुम क्या पागल हो. कुछ भी बोले जा रहें हो. जाओ पहले अपना इलाज करो फिर जाकर नौकरी ढूढ़ना.
मनोज -ठीक है मैं चला जाऊंगा लेकिन मेरा CV आप अच्छे से देखिये शायद आपको कुछ याद आ जाये.
रिया थोड़ा सा मुँह बनाती है लेकिन वो सोचती है इस सिचुएशन से निकलने के लिये एक बार फिर से देख ही लेती हूं वो CV देखती है औऱ उसे एक बात दिखाई देती है. उसके स्कूल का नाम जहाँ से उसने पढ़ाई कीं
रिया-तुम मेरे स्कूल मे थे
औऱ कुछ ही सेकंड मे रिया के चेहरे का रंग उड़ जाता है
यह है मनोज और रिया कीं कहानी|
मनोज को अब समझ आए गया कीं रिया ने उसे पहचान लिया
मनोज -तुम्हे पता है मेरे साथ क्या हुआ था
रिया - मुझे नहीं पता था
मनोज - तुम्हे कैसे पता होगा तुमने तो स्कूल से ही मुझे निकलवा दिया था
रिया - मे बच्ची थी डर गई थी
मनोज- बच्चा तो मे भी था यह तुम्हारे समझ क्यों नहीं आया.
रिया के पास इन बातों का कोई जवाब नहीं था
मनोज - औऱ बच्ची थी तुमने झूठ बोला क्लास के सबसे सीधे औऱ चुप रहने वाले लड़के को अपने स्वार्थ के लिये फ़सा दिया
रिया अब सिर झुका कर सिर्फ उसकी बातें सुन रही है
मनोज - मुझे उस साल एग्जाम नहीं देने दिया गया क्यों? क्यों कीं तुमने मुझे फसा दिया.
रिया - सॉरी मुझे नहीं पता था कीं बात इतनी बढ़ जायेगी मुझे लगा था वो सिर्फ वार्निंग दे कर तुम्हे वापस क्लास मे भेज देंगे लेकिन तुम भी उनसे बहस कर रहें थे सॉरी बोल देते वो छोड़ देते
मनोज - गलती तुम्हारी थी औऱ सॉरी मे क्यों बोलता तुम भी उस समय बोल सकती थी कीं तुम्हे वो लेटर मैंने नहीं कबीर ने लिखा था.
रिया - मुझे उस समय कुछ समझ नहीं आया
मनोज - कबीर का नाम तुमने नहीं लिया क्यों कीं तुम नहीं चाहती थी कीं उसे कुछ वो. तुम उसे पसंद करती थी. लेकिन मेरा सारी क्लास मे तुमने मेरा नाम क्यों लिया.
रिया - मेरे मुँह पर उस समय औऱ कुछ.नाम नहीं आया वो लेटर पढते मुझे प्रिंसिपल ने देख लिया था. मे भी कबीर को पसंद करती थी.मुझे लगा वो मेरे पापा को बुलाएंगे इसलिये मैंने तुम्हारा नाम लिया कीं तुम मुझे परेशान कर रहें हो औऱ बात खत्म हो जाये
मनोज- लेकिन बात तुम्हारे लिये तो ख़त्म हो गई मेरे लिये शुरू हो गई औऱ इसके बाद मेरे घर वाले क्या सोचेंगे यह तुमने नहीं सोचा तुम तो निकल गई.मुझे स्कूल से निकलना पड़ा.
रिया - मे बुरी नहीं हूं उस समय मे कुछ समझ नहीं पायी आखिरी मैं नासमझ ही तो थी.
मनोज - तुम अभी भी झूठ बोल रही हो
रिया- मैंने उसके बाद कितने दिनों तक तुम्हे सॉरी बोला है. उसके बाद कबीर से भी मैंने बात नहीं कीं.मैं यही सोच रही थी कीं तुम मुझे मिलो औऱ मैं तुम्हे सॉरी बोल सकूँ. मैं तुम्हारे लिये कुछ कर सकती हूं, प्लीज चाहो तो यह नौकरी.
मनोज-ओह प्लीज आप रहने दो, जहाँ तुम नौकरी दे रही हो. वहाँ कुछ ना कुछ झूठ तो होगा.
रिया - ऐसा नहीं है वो सिर्फ एक गलती थी.
मनोज अपनी फ़ाइल उठा कर दरवाजे के तरफ जानें लगता है फिर एक बार पलट कर रिया को देख कर बोलता है
मनोज - हो सके तो अब अपनी गलती कीं सजा किसी दूसरे को मत देना.
रिया मनोज कीं बात सुनकर अपनी चेयर पर आंख बंद करके बैठ जाती है.
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