कहानी- एक गरीब लड़की को मिला शराबी मारने वाला पति. लड़की ने उठाया यह कदम.

शराबी पति 

दिखने में अच्छी नहीं थी
इसलिये मेरी शादी नहीं हो पा रही थी.


मैं रानी. मैं बहुत ही लोअर मिडल क्लास परिवार कीं लड़की. मेरा परिवार बड़ी मुसीबतों से अपना गुजारा चला रहा है. मेरे घर मैं अब एक परेशानी है मेरी शादी कीं. कितने ही रिश्ते अब तक मेरे घरवाले देख चुके है. लेकिन किसी को मैं पसंद नहीं आयी दिखने मैं इतनी अच्छी नहीं हूं ना. संस्कार औऱ स्वभाव सब बाद में आते है. पहले रंग आता है. इसलिये अभी तक मेरी शादी नहीं हो पायी. फिर एक दिन पिताजी को सामने से एक रिश्ता आया. लड़का दिलीप था औऱ जैसे कीं उन्होंने बताया था. लड़का कहीं प्राइवेट जॉब करता है, 15 हज़ार लेकर आता है. पिताजी औऱ माँ ने ज्यादा पड़ताल कीं नहीं, औऱ मेरी शादी पक्की हो गयी. शादी के लिये मेरे भी कई अरमान थे. मैं चाहती थी, कीं पिताजी कीं चिंताये थोड़ी कम हो जाये, इसलिये मैंने भी हां कर दी. पिताजी ने पेट काटकर मेरी शादी के लिये कुछ गहने बनवाये थे. ज्यादा तो कुछ हम दे नहीं पाये औऱ उनकी तरफ से मैं कोई डिमांड नहीं थी. पिताजी को लगा कीं बच्ची कीं किस्मत अच्छी है, जो उसे इतना अच्छा घर मिला है.

शादी के बाद मिला शराबी पति 

शादी हो गई औऱ मैं विदा हो गई. सुहागरात को मैं अपने बिस्तर पर बैठी उनका इंतज़ार कर रही थी. मेरे मन में कई तरह के ख्याल थे. मैं थोड़ी घबराई भी. अभी करीब 1 घंटा हो गया था. मुझे अपने कमरे मैं बैठे उनका इंतज़ार करते हुऐ. तभी बाहर से मुझे चिल्लाने कीं आवाजे आने लगी. मैंने दरवाजे के पास जाकर देखा तो. दिलीप औऱ उनके पिताजी मैं बहस हो रही थी. मुझे लगा कीं दरवाजा खोल कर बाहर जाऊ, लेकिन मैं वही रही. फिर कुछ देर बाद वो ज़ोर से दरवाजा खोल के अंदर आते है. उनके आते ही कमरे में बहुत दुर्गन्ध फ़ैल गई. वो बुरी तरह नशे में थे. फर्श पर गिर पड़े. शायद पिताजी उन्हें यह चिल्ला रहें थे कीं वो आज शराब पी कर आये है. मेरी तो कुछ समय नहीं आया. क्या करू रात भर वो वही फर्श पर सोते रहें. सुबह जल्दी उठकर मैं किचन मैं गई सांस ससुर दोनों मुझसे नजरें नहीं मिला पा रहें थे. मैं उनके लिये चाय बना कर लें कर गई. वो कमरे मैं थे जैसे ही मैंने चाय दी वैसे ही उन्होंने चाय का कप फेक दिया,औऱ बोला दुबारा हिम्मत मत करना मेरे पास आने कीं, तू मेरी बीवी नहीं इनकी बहूँ है बस. जाकर उनकी सेवा कर.

लड़के को सुधारने के लिये करवा दी शादी.

सांस को कप गिरने कीं आवाज़ आ गई थी.मैं किचन मैं गई, तब मेरी सांस मुझसे बोलती है. पत्नी के आने से पति कीं ज़िन्दगी मैं बहुत बदलाव होता है. आने से कई बिगड़े आदमी सुधरते देखे है हमने. मैं कुछ नहीं बोली सिर्फ इतना ही सोच रही थी कीं यह मेरे साथ क्या हो गया. जिस बच्चे को उसके माता पिता नहीं बदल सके, उसे मैं कैसे बदल सकूंगी. ऐसे लड़के से किसी कीं शादी करना क्या सही ह, वो भी सिर्फ इस इसलिये कीं बेड़िया बाध देने से वो सुधर जायेगा. वो अगली रात फिर कमरे में आये.मेरी तरफ देखा भी नहीं औऱ सो गये.

पति ने मेरे गहने चुरा लिये-

सुबह जब मैं उठी तब मेरे कमरे का कबाट खुला था, उसमे रखे मेरे गहने गायब थे. मैंने जाकर यह बात अपनी सांस को बताई वो ज्यादा कुछ बोली नहीं सिर्फ यह ही बोली कीं, अपनी चीज़े तुम संभाल कर नहीं सकती क्या. दिलीप जी भी घर नहीं थे मैं समझ गई कीं वो ही, शायद मेरे गहने भी लेकर गये है. उस पूरा दिन औऱ पूरी रात वो घर ही नहीं आये. जी तो मेरा करा कीं पिताजी को एक बार फोन करके, जरूर पूंछ लू कीं आपने किस लड़के के साथ मेरी शादी करवा दी है. लेकिन फिर मुझे लगा कीं अब बोलने से क्या फायदा.वो 3 दिन बाद घर पर आये. आते ही उनके औऱ उनके पिताजी के बीच बहुत कहां सुनी हुई. मेरी सांस ने मुझे फिर ताना मारा कीं, बहूँ लाये थे कीं चलो बेटा सम्भल जायेगा. लेकिन उसके आने के बाद तो ये ज्यादा बिगड गया है. मैंने भी सोचा कीं मैं इतनी जल्दी तो हार नहीं मानूंगी इसलिये मैंने अपने आंसू नहीं गिरने दिये. मैंने उनसे फिर बात कीं मैंने पूछा कीं आप क्या चाहते है, ऐसे ही ज़िन्दगी को आगे बढ़ाना यां आपने कुछ सोचा है. वो बोले कीं तुझे जो करना है, तू कर मुझे तेरी शक्ल भी नहीं देखनी. मुझे थोड़ा गुस्सा आया औऱ बोला कीं फिर आपने शादी क्यों कीं, वो ज़ोर से बोले शादी मेरे घरवालों के कहने पर कीं मुझ पर कर्ज़ा था 2 लाख का, वो उन्होंने तभी दिया जब मैं शादी को माना. फिर मैंने बोला तो फिर आपने मेरे गहने भी इसलिये लिये थे. बस मेरे इतने बोलने पर उन्होंने मुझे ज़ोर से चाँटा मार दिया. मैं जैसे सुन्न रह गई अभी 7 दिन भी नहीं हुई मेरी शादी को ओर मेरे साथ यह हो रहा है. अब मैं रात भर सो नहीं पायी मैं अपने भविष्य के बारे मैं सोच रही थी. ओर मेरे सामने कई विकल्प थे. जिसमे से मुझे चुनना था.

फिर मैंने यह फैसला लिया.

रात भर मैं सब यही सोचती रही. फिर सुबह हुई, ओर मैंने अपना समान पैक कर लियां. मेरी सांस मुझसे पूछने आती है यह क्या कर रही हो. मैंने बोला मैं अपने घर जा रही हूं. सांस ने मुझे ताना मारा कीं तुम्हारे घर में खाने को नहीं है,2 दिन मैं वापस तुझे यही आना पड़ेगा. मैंने बोला मैं जैसी भी हूं मेहनत करके खां सकती हूं. तुम्हारे बेटे कीं तरह चोर ओर शराबी नहीं हूं. मेरी सांस मेरा मुँह देखती रह गई. पता नहीं मुझ में इतनी हिम्मत कहां से आ गई. मुझे पता था कीं यह मेरे औऱ मेरे परिवार के लिये बहुत संघर्ष पूर्ण हो सकता है लेकिन उस समय मुझे यही ठीक लगा. उम्र भर ऐसे किसी के साथ कैसे रह सकती हूं जो चोरी करें शराब पीकर मुझे मारे. मैं उस घर से चली गई. आगे क्या होगा देखा जायेगा.

आप कहानी यहाँ भी सुन सकते है.

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