3 कहानियाँ| Hindi kahani| Small stories| Motivational story| Comedy story| Real Love meaning| हिंदी कहानी प्रेरणा दायक कहानी|StoriyaanTv||

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Real Love Meaning.

जब नौकरानी ने बताया क्या होता है प्यार|

एक यंग कपल कीं शादी के बाद अक्सर झगडे होते रहते थे. दोनों ही अच्छी नौकरी करते थे औऱ अच्छा कमाते थे. लेकिन फिर भी उन दोनों के बीच शादी के 1 साल बाद ही अक्सर बात चित बंद रहती थी.2 BHK फ्लैट मे केवल वो दो ही रहते थे लेकिन फिर भी साथ मे कभी खाना नहीं खाते थे. उनके यहाँ खाना बनाने औऱ घर का काम कार्नर के लिये  एक महिला आती थी. वो इन दोनों के झगडे अक्सर देखा करती थी|

मालकिन एक दिन तरक्की पर मिठाई लेकर आई. क्यों कीं वो अपने पति से तो बात कर नहीं रही थी इसकिये उसने कामवाली को पैकेट दिया. लेकिन उसने पैकेट रख लिया खाया नहीं. मालकिन ने पूछा क्यों तुमने खाया नहीं. उसने जवाब दिया नहीं मैडम मैं पहले अपने पति को खाना खिला कर ही खाती हूं. मालकिन ने पूछा क्यों वो खुद नहीं खां सकता है|

उसने जवाब दिया नहीं मैडम पति को पेरेंलिसिस हुआ है वो हिल नहीं सकते. मुझे ही उनका ख्याल रखना पड़ता है. उसने कहां मैडम मेरे घर भी आपके जैसे माहौल है हम दोनों पति पत्नी भी बात नहीं करते. लेकिन आप अपनी मर्ज़ी से नहीं करते औऱ हम अपनी मज़बूरी से. मालकिन के यह बात उसकी आंख खोलने के लिये काफी थी|


Motivational Story.

परेशान युवक को दिया भगवान ने जवाब|

एक युवक अपनी जिंदगी से बहुत परेशान था| वो जिस लड़की से प्यार करता था, उसने उसे छोड़ कर किसी औऱ से शादी कर ली. वो लड़का काफ़ी डिप्रेशन मे रहने लगा. इस कारण ना उसकी अच्छी नौकरी लग रही थी. ना कहीं औऱ से वो पैसा कमा पा रहा था. उसे लगने लगा कीं सबसे ज्यादा दुख उसे ही है.उसने किसी का बुरा नहीं किया फिर भी भगवान ने उसके साथ बुरा किया.

वो भगवान को कोसने लगा. एक दिन वो लोकल ट्रैन मे सफर कर रहा था. वहाँ उस डब्बे मे एक बूढ़े दादा दादी अपनी 7 साल कीं पोती को लेकर सफर कर रहें थे. दूसरे मुसाफिरो ने जब दादा औऱ दादी से बातें करना शुरू किया तब उन्होंने बताया कीं उनकी पोती जन्म से ही बोल औऱ सुन नहीं सकती औऱ बच्ची के माँ बाप भी एक एक्सीडेंट मे चल बसे. औऱ वो बच्ची का इलाज करवाने के लिये काफ़ी जगह गये लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. वो लड़का यह सब बातें सुन रहा था. दादा औऱ दाई भी बड़े आशावादी थे औऱ कहा रहें थे कीं ऊपर वाले कीं मर्ज़ी के आगे किसकी चली है बस हम तो केवल कोशिश ही कर सकते है. वो बच्ची ऐसी थी जैसे उसको इन सब से कोई फर्क नहीं पड़ता वो खिड़की पर बैठी आते जाते पेड़ पौधों को देख कर खुश हो रही थी.औऱ अचानक से उस बच्ची ने उस युवक कीं तरफ देख कर स्माइल थी. वो स्माइल जैसे युवक कीं आत्मा तक चली गई. उस बच्ची का अचानक उसकी तरफ देख कर स्माइल करना से उसे लगा कीं भगवान उसे देख कर मुस्कुरा रहें. उसके सारे सावलो के जवाब उस बच्ची कीं स्माइल ने दे दिये. भगवान कीं दी यह जिंदगी बहुत खूबसूरत है इसे मुस्कुराते हुये जिये परेशानियां से घबराये ना|


Comedy Story.

थाली में बैगन|

रिया और अजय कीं नयी नयी शादी हुई थी| अभी शादी को एक महीना ही हुआ था . रिया कीं सहेली कीं शादी थी,इसलिये रिया को छोड़ने के लिये अजय उसके घर यानि के अपने ससुराल जाता है. रिया जाकर अपने घरवालों से मिलती है और जमाई जी पहली बार अपने ससुराल आते है तो खूब आवाभगत होती है. सास को बेटी से ज्यादा जमाई जी कीं सेवा में जुटी है. चाय, नाश्ता और साथ ही पंखे कीं जगह कूलर कीं हवा में जमाई जी को बैठाया गया.सास हड़बड़ाई घूम रही है कीं कहीं कुछ कमी ना रह जाये. इतने में रिया कीं सहेली जिसकी शादी है वो उनके घर आ जाती है. और वो भी जीजा जी से मिल कर उनकी इज़ाज़त लेकर रिया को अपने साथ खरीदारी करने लें जाती है. जमाई जी को आज रात वही रुकने को कहां गया. जानें कीं कह रहें थे लेकिन ऐसे कैसे पहली बार घर आये जा सकते है.

दोपहर में खाना बनाया गया और खाना परोसा गया. खाने में बनाई गई बैगन कीं सब्जी. बैगन कीं सब्जी देखते ही अजय का मूड ख़राब हो जाता है ससुराल है पहली बार आया है तो नखरे करना उसको सही नहीं लगा, इसलिये जब उसकी थाली में बैगन कीं सब्जी आई तो सबसे पहले उसने वो ख़त्म कीं. क्यों कीं बैगन वो थाली में देखना भी नहीं चाहता था. लेकिन जैसे ही सब्जी ख़त्म हुई सास ने फिर एक चमचा भरकर सब्जी थाली में रख दी. अजय फिर सास को कुछ बोल नहीं पाया अब सास को लगा कीं दामाद को बैगन पसंद है इसलिये उन्होंने दुसरी सब्जी डाली नहीं. आखिर जो दामाद को पसंद होगा वही तो होगा. लेकिन दामाद के मन कीं बात कौन जानें. वो फिर जल्दी से बैगन को ख़त्म करने लगे. सास यह देख रही थी वो किचन में जाकर बैगन को सब्जी और बनाने लगी. इधर ससुर जी किचन में आ गये बोले जाओ अभी सब्जी ओर डालो दामाद जी बैगन कुछ ज्यादा ही पसंद है. सास फिर थाली में चमचा भर के डाल आई.

अजय को लगा कीं बुरे फसे.उससे अब एक निवाला निचे नहीं उतर रहा था. इतने में रिया आ जाती है और थाली में बैगन देखकर हॅसने लगती है. किचन में माँ और बैगन बना रही थी वो बोलती है माँ उनको बैगन पसंद नहीं है दामाद जी कहते है आज बैगन ने मुझसे बदला लें लिया मैंने कभी बैगन नहीं खाये लेकिन आज सासु माँ ने जीवन भर के एक साथ खिला दिये.रिया का हस हस कर बुरा हाल हो गया.अब आगे जो भी दामाद जी पूछ कर ही हुआ|

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